महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध वाराणसी समेत पांच जिलों के कॉलेजों को अब स्नातक और स्नातकोत्तर में कोर्स चलाने की संबद्धता और नए कॉलेज खोले जाने के लिए जमा होने वाले शुल्क पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा। विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2017-18 से 2022-23 तक विषयों की संबद्धता/नए कॉलेज खोलने के लिए जमा कराई गई फीस पर निर्धारित जीएसटी जमा करने के लिए कॉलेजों को कहा गया है। जीएसटी के दायरे में पहले शिक्षण संस्थान नहीं आते थे। इसलिए संबद्धता शुल्क और नए कॉलेज खोले जाने पर जमा होने वाले शुल्क पर किसी तरह का कर नहीं लगता था। पिछले सप्ताह कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय की ओर से वाराणसी के साथ ही सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर, चंदौली के प्राचार्यों को एक पत्र जारी किया गया, उसमें उन्होंने उपायुक्त राज्य कर द्वितीय इकाई वाराणसी के पत्र का हवाला दिया है।
कर विभाग की ओर से कॉलेजों की संबद्धता को एक सेवा बताया है। साथ ही यह भी बताया है कि विश्वविद्यालय की ओर से महाविद्यालयों से जमा कराए गए आवेदन/संबद्धता शुल्क पर जीएसटी नहीं लिया गया है। कुलसचिव ने 2017-18 से जमा होने वाले संबद्धता/अनापत्ति और संबद्धता आवेदन शुल्क जमा करने वाले पांचों जिले के कॉलेजों के प्राचार्य/प्रबंधक को नियमानुसार 18 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त रूप से जमा करने को कहा है।विश्वविद्यालय में सत्र 2023-24 से तो संबद्धता शुल्क पर जीएसटी लिया जा रहा है। इसके पहले सत्र 2017-18 से 2022-23 तक संबद्धता/नए कॉलेज संचालन के लिए जमा होने वाली फीस पर नियमानुसार प्राचार्यों से 18 फीसदी जीएसटी विश्वविद्यालय के पक्ष में जमा करने को कहा गया है। – डॉ. सुनीता पांडेय, कुलसचिव
240 से अधिक कॉलेजों पर असर
विश्वविद्यालय से हर साल औसतन 40 कॉलेज कोर्स की संबद्धता लेते हैं और पांच से आठ कॉलेज नये संचालन के लिए आवेदन करते हैं। पिछले छह साल में (सत्र 2017-18 से 2022-23 तक) कुल 240 से अधिक कॉलेज हैं। जिन पर 18 फीसदी जीएसटी जमा करने का असर पड़ेगा। विश्वविद्यालय के संबद्धता विभाग की ओर से इसकी सूची भी बनाई गई है।







