ऋषिकेश में शराब तस्करों और यूट्यूबर के झगड़े के बाद एसएसपी ने क्षेत्र में शराब तस्करों पर कार्रवाई की समीक्षा की। आठ माह की समीक्षा में एसओजी देहात पूरी तरह से विफल पाई गई। एसएसपी ने एसओजी देहात को भंग कर दिया। इसके सभी 11 सदस्यों को मुख्य एसओजी में तैनात कर दिया है। इसके अलावा ऋषिकेश और रायवाला थाने के 37 पुलिसकर्मियों को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इन्हें दूसरे थानों में तैनाती दी गई है। एसएसपी देर शाम तक ऋषिकेश कोतवाली की समीक्षा की।पिछले दिनों शराब तस्करों ने यूट्यूबर योगेश डिमरी के साथ मारपीट की थी। पुलिस ने आरोपी सुनील उर्फ गंजा को गिरफ्तार कर लिया था। इस प्रकरण से जुड़े झगड़े में ऋषिकेश थाने में तीन और मुकदमे दर्ज किए गए। सारे घटनाक्रम के बाद एसएसपी अजय सिंह मंगलवार को ऋषिकेश पुलिस के कामों की समीक्षा करने पहुंचे।
सवाल उठ रहे थे कि ऋषिकेश और इसके आसपास के ड्राई एरिया (शराब बिक्री प्रतिबंधित क्षेत्र) में पुलिस की शह पर शराब तस्कर फल फूल रहे हैं। इस पर एसएसपी ने आठ महीनों में हुई कार्रवाई की भी समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया कि ऋषिकेश पुलिस ने इस दरम्यान 113 मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें 111 तस्करों को गिरफ्तार किया। ऋषिकेश पुलिस के बाद एसओजी देहात की समीक्षा हुई। पता चला कि एसओजी देहात ने तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई ही नहीं की। जबकि, एसओजी का काम ही पुलिस की मदद करते हुए इस तरह की निरोधात्मक कार्रवाई करना है। ऐसे में तत्काल प्रभाव से एसओजी देहात को भंग कर दिया गया। एसओजी ने समीक्षा में पाया कि ऋषिकेश और रायवाला थाने में 37 पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं जिन्होंने तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जबकि, ये पुलिसकर्मी वहां पर लंबे समय से तैनात हैं। ऐसे में इन पुलिसकर्मियों को भी वहां से हटाकर दूसरों को तैनात किया गया है।
एसपी देहात की निगरानी में बनाई टीम
यूट्यूबर और शराब तस्करों के झगड़ों में कुल चार मुकदमे दर्ज हुए हैं। सभी मुकदमों की निष्पक्ष जांच के लिए एसएसपी ने एसपी देहात की निगरानी में एक टीम का गठन किया है। यह टीम सभी मुकदमों की जांच में यह देखते हुए कार्रवाई करेगी कि कोई निर्दोष तो इन मामलों में नहीं फंसा है। लिहाजा निष्पक्ष जांच में साक्ष्यों को इकट्ठा करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश एसएसपी ने दिए हैं।
सुनील किन हालातों में हुआ निर्दोष, होगी जांच
जानलेवा हमले के मामले में सुनील उर्फ गंजा को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह कोतवाली ऋषिकेश का हिस्ट्रीशीटर है। वर्ष 2012 के बाद से उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। जबकि, पहले के सभी मुकदमों में न्यायालय ने उसे दोषमुक्त कर दिया था। ऐसे में इस बात की भी अब जांच होगी कि वह किन परिस्थितियों में दोषमुक्त हुआ था।







