सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एनसीआर के अन्य नगर निगमों को आठ सप्ताह में लावारिस कुत्तों की समस्या के समाधान के निर्देश दिए हैं। हल्द्वानी में भी अक्सर लावारिस कुत्तों के काटने के मामले आते रहते हैं। बेस अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार बीते छह माह में शहर और आसपास के क्षेत्रां से 5170 लोग कुत्तों के काटने के बाद इलाज के लिए पहुंचे। नगर निगम के अनुसार शहर में 30 हजार से अधिक स्ट्रीट डाॅग (लावारिस कुत्ते) हैं। ये अक्सर गलियों, बाजारों और मोहल्लों में झुंड के रूप में नजर आते हैं। इसके अलावा आठ से दस हजार के बीच पालतू कुत्ते हैं। बेस अस्पताल का रिकाॅर्ड बताता है कि पिछले कुछ समय से कुत्तों के साथ साथ बिल्ली और बंदरों के काटने के मामले लगातार बढ़े है। छह माह में 1761 लोग ऐसे रहे जिन्हें बंदर या फिर बिल्ली ने काटा था।
फरवरी से जुलाई तक जानवरों के काटे जाने के मामले विवरण
माह कुत्ते बिल्ली/बंदर कुल
फरवरी 798 128 926
मार्च 859 150 1009
अप्रैल 871 233 1104
मई 851 307 1158
जून 770 373 1143
जुलाई 1021 570 1591
अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध हैं। कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने पर जो भी व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल आता है, उसे एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया जाता है। – डाॅ. केएस दताल पीएमएस बेस अस्पताल हल्द्वानी।
पालतु कुत्तों का अब घर बैठे करें आन लाइन रजिस्ट्रेशन
नगर निगम की ओर से पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराने के लिए मंगलवार को ऑनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी गई है। मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने इसके लिए बनाए पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के शुरू होने के बाद अब कुत्तों के शौकीन घर पर बैठकर ही अपने पालतू कुत्तों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि https://haldwaninagarnigam.com/Pet-License पर पालतू कुत्तों का पंजीकरण किया जा सकता है।