चेक बाउंस के एक मामले में न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए छह माह के साधारण कारावास और साढ़े पांच लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। प्रथम अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन)/न्यायिक मजिस्ट्रेट शमशाद अली की अदालत ने यह फैसला सुनाया।यह मामला धर्मवीर सिंह निवासी आदर्श नगर ज्वालापुर की ओर से दायर वाद से संबंधित था। धर्मवीर सिंह के अधिवक्ता रजनीकांत शर्मा ने बताया कि पंकज कुमार पाल निवासी ग्राम एथल बुजुर्ग ने अपनी जरूरत के लिए 10 दिसंबर 2021 को धर्मवीर सिंह से पांच लाख रुपये उधार लिए थे और इसे चार महीने में लौटाने का आश्वासन दिया था।
तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी जब पंकज ने रकम नहीं लौटाई और धर्मवीर ने अपने पैसों की मांग की तो पंकज ने 16 अप्रैल 2022 को इंडियन ओवरसीज बैंक एथल बुजुर्ग शाखा का एक चेक भुगतान के लिए दिया। हालांकि बैंक में जमा करने पर वह चेक बिना भुगतान के ही वापस लौट आया। इसके बाद धर्मवीर सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 20 मई 2022 को पंकज कुमार पाल को विधिक नोटिस भेजा लेकिन न तो नोटिस का जवाब दिया गया और न ही उधार ली गई रकम लौटाई गई। मजबूर होकर धर्मवीर ने अदालत में वाद दायर किया। सभी साक्ष्यों और गवाहों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी पंकज कुमार पाल को दोषी पाया। न्यायालय ने उसे छह माह के साधारण कारावास और साढ़े पांच लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। न्यायालय ने यह आदेश भी दिया कि अर्थदंड की राशि में से पांच हजार रुपये सरकारी खजाने में जमा किए जाएंगे जबकि शेष 5.45 लाख रुपये परिवादी धर्मवीर सिंह को बतौर प्रतिपूर्ति प्रदान किए जाएंगे।







