Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्ड30 सितंबर और 1 अक्टूबर को बढ़ेगी मुश्किल सांकेतिक विरोध के बाद...

30 सितंबर और 1 अक्टूबर को बढ़ेगी मुश्किल सांकेतिक विरोध के बाद ऊर्जा निगमों के संविदा कर्मी करेंगे बड़ा प्रदर्शन

देहरादून। ऊर्जा निगमों में उपनल के माध्यम से तैनात संविदा कर्मियों के आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस कड़ी में फिलहाल कर्मचारियों ने दो दिन के आंदोलन का कार्यक्रम तय किया है। कर्मचारियों की मांग सालों पुरानी है और इस बार भी इन्हीं मांगों के साथ कर्मचारी सड़कों पर उतरने जा रहे हैं। विद्युत संविदा एकता मंच के बैनर तले दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को किया जाएगा। संविदा कर्मचारियों का यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा। फिलहाल शांतिपूर्ण तरीके से कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज किया है। विद्युत संविदा कर्मचारी 13 सूत्रीय मांग पत्र के साथ प्रबंधन के सामने पहुंचे हैं। कर्मचारी संगठन का कहना है कि ऊर्जा निगम के प्रबंधन की तरफ से उनकी मांगों पर कुछ भी कार्रवाई नहीं हुई है और उन्हें अब शासन से उम्मीद है कि इस पर कोई ना कोई फैसला लिया जाएगा। कर्मचारियों की इन 13 सूत्रीय मांगों में नियमितीकरण, समान काम का समान वेतन और महंगाई भत्ता शामिल रहा।

विरोध को उग्र आंदोलन में बदलने की चेतावनी। संविदा कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपने-अपने तैनाती स्थल पर ही विरोध दर्ज कराया। इस दौरान सोशल मीडिया पर इन कर्मचारियों ने अपनी फोटो पोस्ट करते हुए अपने विरोध को प्रबंधन से लेकर शासन तक के सामने दर्ज कराया है। पूर्व में कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को हड़ताल तक ले जाने की कोशिश की थी। लेकिन लंबे समय तक कर्मचारी सरकार पर दबाव नहीं बना पाए थे। इस बार कर्मचारी सरकार से विभिन्न मांगों में सकारात्मक रुख की उम्मीद लगा रहे हैं और ऐसा नहीं होने पर आगे उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दे रहे हैं।

पहले फैसला लिया फिर बदला। इससे पहले विद्युत संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (VDA) दिए जाने से जुड़ा आदेश हो चुका है। लेकिन शासन स्तर पर यह आदेश जारी होते ही 24 घंटे के भीतर सरकार को ही आदेश बदलना पड़ा था। उस दौरान इस फैसले से सरकार पर भारी वित्तीय दबाव पड़ने और इससे बाकी विभागों के कर्मचारी द्वारा भी मांग उठाई जाने की संभावना व्यक्त की गई थी। शायद इसीलिए शासन को अपना आदेश बदलना पड़ा था। समान काम- समान वेतन और नियमितीकरण के मामले पर भी कर्मचारी संगठन कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। इस मामले में भी हाईकोर्ट का फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आया था जिसके खिलाफ सरकार ने कोर्ट में अपील की थी। और तभी से यह मामला लंबित पड़ा हुआ है।

शासन स्तर का मामला। संविदा विद्युत कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर ऊर्जा निगम प्रबंधन भी चिंतित नजर आ रहा है। इस संदर्भ में कर्मचारी संगठन से भी बातचीत की गई है। निगम प्रबंधन का सीधे तौर पर यह मानना है कि कर्मचारियों की यह मांगें शासन स्तर पर ही पूरी की जा सकती हैं। लिहाजा, इस मामले में शासन से बातचीत की जा रही है।

मांगों पर किया जा रहा विचार। कर्मचारी संगठन से लगातार संवाद किया जा रहा है। कोशिश यह की जा रही है कि कर्मचारी आंदोलनरत ना हों। मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि कर्मचारियों की इन मांगों पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में भी प्रयास हो चुके हैं। अभी फिलहाल वित्तीय स्थितियों को देखते हुए संबंधित मांग के लिए विचार किया जाएगा। साथ ही कर्मचारियों से भी अपने आंदोलन को वापस लेने के लिए बात की गई है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments