Thursday, November 6, 2025
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3 दिन पहले जम्मू कश्मीर से लौटे हैं पिता-पुत्र डेंगू के दो संदिग्ध मरीज मिले

काशीपुर में भूखंडों में जलभराव होने के बाद भी स्प्रे नहीं कराए जाने से डेंगू के फैलने की संभावना बनी हुई है। नगर में डेंगू के दो संदिग्ध मरीज मिले हैं। दोनों को डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है। अस्पताल के चिकित्सक एलाइजा रिपोर्ट आने के बाद डेंगू होने की पुष्टि करने की बात कर रहे हैं।एलडी भट्ट राजकीय उप जिला चिकित्सालय के पार्किंग क्षेत्र, पशुपति विहार, जसपुर खुर्द, दुर्गा कॉलोनी, वैशाली कॉलोनी और प्रभु विहार आदि क्षेत्रों के खाली भूखंडों में जलभराव है। इससे डेंगू एवं मलेरिया फैलने की संभावना बनी हुई है। बावजूद इसके ऐसे क्षेत्रों में फॉगिंग व स्प्रे तक नहीं कराई जा रही है। तीन दिन पहले पिता-पुत्र जम्मू कश्मीर से लौटे हैं।

बुखार से ग्रस्त होने पर दोनों को सरकारी अस्पताल में डॉ. अमरजीत सिंह साहनी को दिखाया गया। उन्होंने बताया कि जांच में प्लेटलेट्स कम पाई गई। संदिग्ध मानकर डेंगू वार्ड में भर्ती कर दोनों का इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। सोमवार को एलामइजा जांच रिपोर्ट आने पर ही डेंगू की पुष्टि हो सकती है। वायरल बुखार के 20 प्रतिशत मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। डेंगू के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव पुनेठा ने बताया कि इससे पहले 23 सितंबर को अस्पताल में 12 वर्षीय एक किशोरी को संदिग्ध मानकर डेंगू वार्ड में भर्ती किया था। उसकी एलाइजा जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई है। वह स्वस्थ होकर घर जा चुकी है।

10 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया
डेंगू मच्छर जनित रोग है। डेंगू से बचाव के लिए एलडी भट्ट राजकीय उप जिला चिकित्सालय में 10 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है। वर्तमान में दो संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। एक संदिग्ध किशोरी स्वस्थ होकर घर जा चुकी है। दवाइयां पर्याप्त होने की बात कही जा रही है। वहीं जल निकासी नहीं होने के कारण पार्किंग स्थल, इंजेक्शन कक्ष के पीछे, प्रसव कक्ष के बराबर में जलभराव हो रहा है। इससे भी डेंगू की संभावना बनी हुई है। संवाद

डेंगू से रोकथाम
डेंगू बुखार को रोकने का सबसे अच्छा तरीका संक्रमित मच्छरों के काटने से बचना है। मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी बाजू की शर्ट और मोजे में लंबी पैंट पहनें। पशु-पक्षियों के बर्तनों का नियमित रूप से पानी बदलें, टायरों, कूलरों में पानी जमा नहीं होने दे।

डेंगू के लक्षण
अचानक तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, थकान, जी मिचलाना, उल्टी-दस्त होना, त्वचा पर लाल चकत्ते, नाक, मसूड़ों से खून आना आदि लक्षण दिखने पर चिकित्सक से परामर्श लेना लाभकारी होगा। अस्पताल परिसर में हुए जलजमाव में स्प्रे कराया गया है। पार्किंग स्थल का भरान कराने के लिए नगर निगम को पत्र भेजा गया है। डेंगू मरीज के लिए 10 बेड का वार्ड बनाया गया है। अस्पताल में दवाइयां पर्याप्त हैं। – डॉ. खेमपाल, सीएमएस, एलडी भट्ट राजकीय उप जिला चिकित्सालय, काशीपुर

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