देहरादून। अपर जिला एवं सेशन फास्ट ट्रैक के जज पंकज तोमर की अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा और 55 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड नहीं देने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साथ ही अदालत ने अर्थदंड में से 50 हजार रुपए की धनराशि पीड़ित को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने दोषी को अदालत से हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। कोतवाली पटेल नगर में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 15 वर्षीय बेटी 22 जून 2022 को बिना बताए कहीं चली गई। मामले की जांच कराई गई तो पुलिस ने आरोपी युवक निवासी चंदौसी को 10 जुलाई 2022 को हरियाणा से अरेस्ट किया गया। आरोपी के पास से पीड़िता को भी बरामद किया गया था। पुलिस द्वारा पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने बयान कराने पर पीड़िता ने कहा था कि वह युवक को पहले से जानती थी और वह चाउमीन की रेहड़ी लगाता था और उससे शादी करना चाहता था।
20 जून को जब घर पर कोई नहीं था। वह घर में आया और जबरदस्ती की। युवक दो दिन बाद वह उसे घुमाने के बहाने चंदौसी ले गया और वहां उसके साथ शादी कर ली। आरोप लगाया कि उसके बाद युवक ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद हरियाणा में भी शारीरिक संबंध बनाए गए। ट्रायल के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि पीड़िता के सम्पूर्ण मेडिकल में कहीं भी चोट के निशान नहीं पाए गए। साथ ही पीड़िता मंदिर में शादी करने की बात कह रही है.लेकिन कोई पंडित किशोरी की मंदिर में कैसे शादी करवा देगा। आरोपी ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया है कि अभियोजन की ओर से इस मुकदमे में आठ गवाह पेश किए गए। जिसके बाद अपर जिला एवं सेशन फास्ट ट्रैक की अदालत ने दोषी को 20 साल की सजा सुनाई और 55 हजार रुपए के अर्थदंड लगाया गया है।