रुद्रपुर में तीन फर्जी चेकों से सरकारी खाते से करोड़ों रुपये निकालने के मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड को पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। शहर के इंडसइंड बैंक में तीन फर्जी चेकों से कंपीटेंट ऑथोरिटी फार एक्वीजिशन (सीएएलए) और एनएचएआई के संयुक्त खाते से 28 व 31 अगस्त को 12.62 करोड़ रुपये निकाले गए थे। दो सितंबर को मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस प्रशासन और एनएचएआई में हड़कंप मच गया।पुलिस ने बैंक मैनेजर देवेंद्र सिंह और कैशियर प्रियम सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि 12 खातों में गए साढ़े सात लाख रुपये फ्रीज करा दिए थे। बैंक ने खाते से निकाली गई पूरी धनराशि को सरकारी खाते में वापस कर दिया।
पुलिस ने सीसीटीवी और जांच के आधार पर तीन संदिग्धों को चिह्नित किया। आरोपियों की तलाश में पुलिस ने यूपी, हरियाणा, पंजाब, मुंबई, दिल्ली में दबिश दी थी लेकिन अभियुक्त पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके थे। कुछ दिन पहले पुलिस ने फरार तीन अभियुक्तों के खिलाफ अदालत से एनबीडब्ल्यू लिया। पुलिस ने घटना में फरार चल रहे अभियुक्त ललित कुमार महेंद्रू उर्फ लाली उर्फ शिव दास पाटिल निवासी बलवंत एनक्लेव थाना बिलासपुर रामपुर को जीरकपुर पंजाब से गिरफ्तार किया है।ललित घटना का मास्टरमाइंड है। बुधवार को उसे न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पूछताछ में उसने थोड़ी जानकारियां दी हैं। उसे कस्टडी रिमांड में लेने के लिए अदालत में आवेदन किया जा रहा है। इस मामले में फरार अन्य अभियुक्तों की तलाश की जा रही है। – मणिकांत मिश्रा,एसएसपी
सीबीआई भी कर चुकी है गिरफ्तार
पुलिस के हत्थे चढ़ा ललित बेहद शातिर अपराधी है। पुलिस के अनुसार वर्ष 2020 में गुजरात के अहमदाबाद में सरकारी चेकों से संबंधी बड़ा मामला हुआ था। इस मामले में सीबीआई ने ललित को गिरफ्तार किया था। एसएसपी ने बताया कि ललित के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।पुलिस के अनुसार ललित फर्जी चेकों को बैंक में लगाने का काम करता था। उसने फर्जी चेकों को भुनाने के लिए पहले बैंक मैनेजर से सांठगांठ की थी। बैंक मैनेजर को अपने पाले में करने के बाद उसने दिल्ली के एक व्यक्ति से सरकारी चेक हासिल किए थे। इन चेकों को बैंक में जाकर लगाया था। पुलिस ने घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों में सबसे पहले ललित को तस्दीक किया था। हालांकि पुलिस की पूछताछ में उसने खुद को बेकसूर करार दिया है। 45 साल का अभियुक्त दिल की बीमारी के साथ ही बीपी और शुगर का मरीज है।
चेक मुहैया कराने वाले की नहीं दी जानकारी
पुलिस की पूछताछ में ललित ने फर्जी चेक देने वाले से पहचान से इन्कार कर दिया। उसने कहा कि तीनों चेक उसे दिल्ली के एक व्यक्ति ने दिए थे लेकिन वह उक्त व्यक्ति का पता नहीं जानता है। एसएसपी ने बताया कि ललित मुख्य मास्टरमाइंड है। उसने अपने साथियों के बारे में जानकारी से इन्कार किया है। इस वजह से उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर इस मामले के बारे में गहन पूछताछ की जाएगी।