ग्राम पंचायत मिसरास पट्टी के मजरा बटोली पहुंची प्रशासन की टीम ने भू-धंसाव और मलबा आने से बंद हुए रास्ते का निरीक्षण किया। टीम ने ग्रामीणों से विस्थापन को लेकर बातचीत की। उन्हें विस्थापन नियमावली की जानकारी भी दी। इस दौरान ग्रामीणों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाए जाने की संभावनाओं को तलाशा गया। सहसपुर ब्लाॅक की मजरा बटोली का मुख्य मार्ग बरसात के मौसम में भू-धंसाव के कारण बंद हो गया था। तभी से ग्रामीणों की आवाजाही बंद है। ग्रामीण पहाड़ों और मलबे के ऊपर से होते हुए बमुश्किल गांव से बाहर निकलते हैं। हाल ही में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गांव में रहने वाले लगभग चालीस परिवारों को अन्य जगह पर विस्थापित करने की मांग की थी। जिलाधिकारी ने एक अक्तूबर को प्रशासन की एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी में विकासनगर तहसील के एसडीएम विकासनगर को अध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी व भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के सहायक भू-वैज्ञानिक को सदस्य नामित किया था।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से ग्रामीणें की समस्या व उनकी मांग से संबंधित सभी पहलुओं की जांच करते हुए रिपोर्ट देने को कहा था। इसी क्रम में शनिवार को बटोली पहुंचे अधिकारियों ने मलबे से बंद मुख्य रास्ते का निरीक्षण किया। उसके बाद ग्रामीणों को विस्थापन से संबंधित 32 बिंदुओं वाली नियमावली से अवगत कराते हुए रायशुमारी की। कमेटी के अध्यक्ष व एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि विस्थापन से संबंधित सभी जानकारी ग्रामीणों को उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा उनकी समस्या को देखते हुए वैकल्पिक रास्ता बनाने की संभावनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है। कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द ही जिलाधिकारी को उपलब्ध करा देगी। इस दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ऋषभ रावत, देहरादून के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी व भू-वैज्ञानिक अंकित थपलियाल मौजूद रहे।