मुख्तार की मौत के मामले में जेल प्रशासन तो शुरू से ही सवालों के घेरे में था, अब जनपद का मेडिकल कॉलेज भी इसमें शामिल हो गया है। 26 मार्च को तड़के मुख्तार को जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। उसे पेट में दर्द की शिकायत थी। उसका पूरे दिन करीब 14 घंटे तक इलाज चला फिर यहां के डॉक्टरों ने साधारण कब्ज की बीमारी बताकर उसे 26 की शाम को ही वापस जेल भेज दिया। यहां भी उसे अस्पताल में रखने के बजाए बैरक में रखा गया।
इसके बाद 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की हालत कैसे इतनी बिगड़ गई कि उसे हार्ट अटैक आ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि कहीं न कहीं 26 मार्च के इलाज में भी हीलाहवाली की गई। जिस कारण मुख्तार का मर्ज पकड़ में नहीं आ सका। इतना ही नहीं उसे किसी बड़े अस्पताल तो दूर जेल के अस्पताल में भी रखना क्यो नहीं मुनासिब समझा गया। इन सवालों का जवाब भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को जांच रिपोर्ट में देना होगा।
जेल में ही पड़ा था मुख्तार को दिल का दौरा
वहीं, पोस्टमार्टम के बाद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की वजह डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बताई है। डॉक्टरों के मुताबिक, मुख्तार को आठ-सवा आठ बजे के आसपास दिल का दौरा पड़ा था। यही वह समय था, जब जेल में मुख्तार का चेकअप अधिकारियों के सामने किया जा रहा था। उसकी बेहोशी की हालत देखकर करीब 8:30 बजे उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया था।
शुक्रवार को मुख्तार अंसारी के शव का पांच डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। तीन डाक्टर जिला अस्पताल के डॉ. महेश, डॉ. एसडी त्रिपाठी, विकास, पीजीआई के हदय रोग विशेषज्ञ डॉ. तिवारी, मेडिकल कालेज के डॉ. सुनील बंसल थे। पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक से होना प्रतीत होती है। हालांकि बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है। जिसे परीक्षण के लिए विधि विज्ञान केंद्र लखनऊ भेजा जाएगा।
बताया कि मुख्तार के पोस्टमार्टम की परिवार के सदस्यों के बीच पूरी वीडियोग्राफी कराई गई है। यहां तक कि पोस्टमार्टम के दौरान परिवार के दो सदस्यों को अंदर भी रहने दिया गया है। ताकि किसी भी प्रकार का कोई शक सुबा न रहे। मौत के वक्त मुख्तार के पेट में खाना नहीं था। बिसरा सुरक्षित कर उसे जांच के लिए लखनऊ भेजा जा रहा है।