दून अस्पताल की इमरजेंसी में मेडिकल कराने पहुंचे दो पक्ष आपस में भिड़ गए। इससे मौके पर अफरा-तफरी का मच गई। डॉक्टरों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। इमरजेंसी में पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने समझाने का प्रयास किया तो लोग नहीं माने। इसके बाद सदर कोतवाल पुलिस-फोर्स के पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाया। देर रात मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के 15-20 पुरुष-महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।मामला शनिवार मध्य रात्रि का है। बताया जा रहा है कि सुमननगर में अलग-अलग समुदाय के दो पक्षों किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। इसके बाद एक पक्ष अपना मेडिकल कराने के लिए दून अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा था।
उस समय वहां तैनात ईएमओ डॉ. मुकेश ने उनका उपचार शुरू कर दिया। उसी दौरान दूसरा पक्ष भी वहां पहुंच गया। दूसरे पक्ष के आने के बाद दोनों पक्ष इमरजेंसी में ही भिड़ गए। इएमओ ने इसकी सूचना पुलिस को दी।सूचना पर दून अस्पताल तैनात पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और लोगों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन दोनों पक्ष एक दूसरे से मारपीट करते रहे। मामले में सदर कोतवाल चंद्रभान सिंह मौके पर पहुंचे, माहौल को किसी तरह शांत किया। देर रात इस मामले में उप निरीक्षक जगदंबा प्रसाद ने 15-20 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जांच शुरू कर दी है।
दो घंटे तक प्रभावित रहा इमरजेंसी काम
इमरजेंसी में मारपीट करने वालों को डॉक्टर रोकते रहे, लेकिन दोनों पक्ष के लोग बाइकों के हेलमेट से एक दूसरे पर प्रहार करते रहे। इस पूरे बवाल के दौरान करीब दो घंटे तक इमरजेंसी का काम बाधित रहा। इस दौरान आए मरीजों को किसी तरह इमरजेंसी में पीछे की तरफ ले जाया गया वहीं, डॉक्टरों ने उनका उपचार किया।
अफरा-तरफी का बन गया माहौल, देखते रहे सिक्योरिटी गार्ड
दून अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सुरक्षा गार्ड संभालते हैं। जिस समय दोनों पक्ष इमरजेंसी में भिड़े गार्ड भी कुछ नहीं कर पाए। डॉक्टरों ने तो थोड़ा विरोध किया भी, लेकिन गार्ड मारपीट के दौरान सिर्फ तमाशबीन बने रहे। इस दौरान जब तक पुलिस नहीं आ गई तब तक इमरजेंसी में हंगामा चलता रहा।







