शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम से पहले रेंजर्स ग्राउंड में पशुपालन विभाग की ओर से गोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉक्टरों की ओर से विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। पशुओं में आने वाले बीमारियों की रोकथाम के उपाय बताए। पशु चिकित्सक डॉ. स्वेता बलोदी ने कहा कि दुधारू पशुओं विशेषकर गायों में बांझपन एक मुख्य समस्या के रूप में उभर रही है। इसके निवारण के लिए प्रत्येक पशु को तीन माह में एक बार कीड़ों की दवा और प्रतिदिन 50 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य देना चाहिए। सरल मेले के दूसरे दिन शनिवार की शाम सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के नाम रही।
जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण की सुंदर प्रस्तुति ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। किसान पशुपालन का व्यवसाय अपनाकर आय में वृद्धि कर सकते हैं। किसानों को अपने पशुओं का बीमा योजना के तहत जरूर कराना लेना चाहिए। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि बद्री गाय का दूध अन्य गायों की तुलना में पौष्टिक एवं उच्च गुणवत्ता वाला होता है। सीवीओ विद्यासागर कापड़ी ने कहा बताया कि गोष्ठी में 100 से अधिक पशुपालकों ने हिस्सा लिया। करीब 50 से अधिक पशुपालकों को कुक्कट पालन का प्रशिक्षण भी दिया गया।







