Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डशिक्षा मंत्री ने खाली पदों को भरने के दिए निर्देश अशासकीय विद्यालयों...

शिक्षा मंत्री ने खाली पदों को भरने के दिए निर्देश अशासकीय विद्यालयों का होगा राजकीयकरण

देहरादून। उत्तराखंड में अशासकीय विद्यालयों के राजकीयकरण को लेकर राज्य सरकार ने तैयारी कर ली है। विद्यालय के प्रबंध समिति के प्रस्ताव के आधार पर ऐसे विद्यालयों के राजकीयकरण पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को विभिन्न मामलों में दिशा निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए कई मामलों पर अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया. इस दौरान अशासकीय विद्यालयों में लंबे समय से खाली चल रहे पदों को किसी संस्था या आयोग के माध्यम से भरे जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। अशासकीय विद्यालयों में लंबे समय से खाली पदों पर भर्तियों में अनियमितता और भाई भतीजावाद की शिकायतें मिलती रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने इन भर्तियों पर एक ठोस नीति बनाने का निर्णय लिया है।ताकि ऐसी भर्तियां पारदर्शिता के साथ की जा सके.शिक्षा मंत्री ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों की प्रबंधन समिति अपने विद्यालय का राजकीयकरण का प्रस्ताव देती है तो सरकार ऐसे विद्यालयों का राजकीयकरण करने के लिए तैयार है।

समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश भर में संचालित अटल उत्कृष्ट विद्यालय, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, मॉडल विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास के बेहतर संचालन पर भी चर्चा की गई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि फिलहाल ऐसे विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों के सापेक्ष अस्थायी व्यवस्था की जाएगी और इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को एक हफ्ते के भीतर दिशा निर्देश भी जारी कर दिए जाएंगे। अधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया गया कि तमाम विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं से जुड़े आंकड़े तैयार कर अगली बैठक में इसे प्रस्तुत किया जाए। धन सिंह रावत ने समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए निर्देशों का समय से पालन करने के निर्देश दिए हैं। खास तौर पर विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आगामी बैठक के दौरान सभी विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं पर चर्चा से पहले राज्य भर के विद्यालयों के इससे जुड़े सभी आंकड़े और जानकारियां अधिकारियों द्वारा जुटा ली जाए। जिससे बैठक के दौरान इस पर विस्तार से चर्चा की जा सके।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments