हरिद्वार। कुंभ नगरी उज्जैन में भी हरिद्वार की तर्ज पर साधु संतों को स्थायी आश्रम और अखाड़ा बनाने की अनुमति देने के निर्णय से साधु-संतों में खुशी का माहौल है। इसी क्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार जताते हुए उनके इस फैसले को ऐतिहासिक निर्णय करार दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि उज्जैन में स्थायी आश्रम और अखाड़ा निर्माण की अनुमति मिलने से वहां अन्य शहरों की तरह साधु-संत शिक्षा और चिकित्सा के लिए भी सेवाएं शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि निरंजनी अखाड़ा भी जल्द उज्जैन में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम करने जा रहा है।
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस फैसले से उज्जैन का विकास भी होगा और उज्जैन के लोगों को व्यवसाय भी उपलब्ध होगा। साधु-संत जहां भी जाते हैं, वहां पर आमजन की सेवा का ही कार्य करते हैं। हमारा और हमारे सभी अखाड़ों का प्रयास रहेगा कि वहां पर अखाड़े खोले जाएं और धर्म के कार्य शुरू किए जाए। जिससे उज्जैन की जनता को भी लाभ मिलता रहे।उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि उज्जैन में स्वास्थ्य और शिक्षा में भी सुधार किया जाए, जिसकी पहल निरंजनी अखाड़े द्वारा की जाएगी। इस संबंध में जल्द अखाड़े के महंतों से वार्तालाप की जाएगी और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।







