Friday, November 7, 2025
advertisement
Homeउत्तराखण्डदेहरादून में नहीं हैं बारिश के आसार सुबह के समय हो सकता...

देहरादून में नहीं हैं बारिश के आसार सुबह के समय हो सकता है कोहरा

दिवाली के बाद भी देवभूमि उत्तराखंड का मौसम शुष्क बना रहेगा. सूरज आंख-मिचौली चल रही है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दिन के समय धूप खिलने से तापमान सामान्य बना हुआ है. आने वाले दिनों में भी यहां का मौसम शुष्क बना रहेगा. राज्य के मैदानी इलाकों में सुबह और शाम ठंड पड़ रही है, लेकिन दिन के समय सूरज की तेज धूप से गर्मी का एहसास हो रहा है. बादल छाए रहने के चलते तापमान सामान्य बना हुआ है. जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में ठिठुरन बढ़ गई है. मौसम विभाग ने दिवाली के बाद तापमान में गिरावट आने और ठंड बढ़ने के अनुमान के साथ मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है.

देहरादून का आज का मौसम
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ बिक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए कहा है कि उत्तराखंड में बारिश के फिलहाल कोई आसार नहीं है और जब तक बारिश नहीं होगी ठंड भी कम ही रहेगी. अक्टूबर महीना खत्म होने पर भी राज्य में मौसम में गर्मी रहने के कारण इस बार ठंड कम पड़ने के आसार हैं. उन्होंने कहा कि 2 नवंबर को राज्य के सभी जिलों का मौसम शुष्क बना रहने और आसमान साफ रहने का अनुमान है. वहीं, राजधानी देहरादून का मौसम और आसमान साफ रहने की संभावना भी है. सुबह के वक्त राजधानी में कोहरा हो सकता है. शनिवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है.

आतिशबाजी से एक्यूआई में हुआ इजाफा
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पंतनगर का अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16.7 डिग्री सेल्सियस रहा. मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 23 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रहा.नई टिहरी का अधिकतम तापमान 22.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. बुधवार को देहरादून का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (Dehradun AQI) 272 दर्ज किया गया. इस लेवल पर वायु में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा होती है. दिवाली पर लोगों के आतिशबाजी करने से देहरादून का एक्यूआई लेवल बढ़ गया है.

बारिश कम होने से खेती पर बुरा असर
मानसून के दौरान ठीक बारिश होने के बाद अक्टूबर माह में बारिश नहीं हुई, जिससे पहाड़ी इलाकों के किसानों की खेती पर पूरा असर देखा जा सकता है. क्योंकि मैदानी इलाकों में तो सिंचाई की सुविधा होती है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में कई जगह असिंचित भूमि होती है. जहां बारिश से ही सब्जी, फल और खाद्यानों की खेती की जाती है.

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine
https://bharatnews-live.com/wp-content/uploads/2025/10/2-5.jpg





Most Popular

Recent Comments