उच्च न्यायालय के छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाने के आदेश से क्षेत्र के प्रमुख डाकपत्थर महाविद्यालय में चुनाव की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को करारा झटका लगा है। उन्हें अभी भी उम्मीद है कि उच्च न्यायालय इस मामले में छात्र हितों को देखते हुए राहत जरूर देगा। साथ ही उन्होंने छात्रसंघ के अस्तित्व में नहीं होने से छात्र हितों को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचने की बात भी कही।डाकपत्थर महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष की भांति एबीवीपी, एनएसयूआई व आर्यन संगठन के अलावा निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में छात्र-छात्राएं जुटे हुए थे। इसी दौरान उच्च न्यायालय के एक फैसले ने सभी संभावित प्रत्याशियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। लेकिन, छात्र-छात्राओं को उम्मीद है कि अदालत अभी भी इस मामले में छात्र-छात्राओं को राहत देगी। बातचीत में उन्होंने बताया कि महाविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के हितों की रक्षा के लिए छात्रसंघ का अस्तित्व में रहना जरूरी है।
महाविद्यालय में पठन-पाठन, परीक्षा, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला आदि से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं छात्र-छात्राओं के सामने आती हैं। छात्रसंघ के पदाधिकारी इस प्रकार की समस्याओं को कालेज प्रशासन व विश्व विद्यालय के सामने मजबूती के साथ रखते हैं। जिससे उनके समाधान होने की अधिक संभावना रहती है। यदि छात्रसंघ नहीं होगा तो छात्रों की आवाज दबकर रह जाएगी। – अनिकेत, छात्र नेता
छात्रसंघ चुनाव में इस बार डाकपत्थर समेत प्रदेश के सभी विश्व विद्यालयों व बड़े कॅलेजो में भाजपा के सहयोगी संगठनों की हार की स्थिति बन रही थी। सरकार ने सोची समझी रणनीति के तहत न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखा। जिसके कारण इस प्रकार की स्थिति बनी है। लेकिन छात्र संगठन कोर्ट में मामले की पैरवी कर रहे हैं। उम्मीद है कि शीघ्र ही इस मामले में राहत मिलेगी। – सुमित नेगी, छात्र नेता, आर्यन संगठन
डाकपत्थर महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की समस्याओं के समाधान के लिए एबीवीपी हमेशा से ही मुखर रही है। यही कारण है कि छात्र-छात्राओं का पूरा विश्वास संगठन के साथ है। और उम्मीद है कि जल्द ही न्यायालय से ऐसा निर्णय आएगा। जिसमें चुनाव संपन्न कराए जाने की बात होगी। – तुषार, छात्र नेता, एबीवीपी
एबीवीपी का प्रदेश संगठन उच्च न्यायालय में फैसले पर पुनर्विचार की याचिका की पैरवी कर रहा है। संगठन का मत स्पष्ट है कि छात्रसंघ का चुनाव जरूर होना चाहिए। जिससे, छात्र-छात्राओं की समस्याओं का समाधान हो सके और उनके अधिकार सुरक्षित रह सकें। – मोहित जैन, छात्र नेता