Monday, September 22, 2025
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बरतें खास एहतियात बच्चे न हों निमोनिया के शिकार

तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। मैदानी क्षेत्र विकासनगर में न्यूनतम तापमान 13 और पर्वतीय क्षेत्र चकराता में नौ डिग्री सेल्सियम तक दर्ज किया जा रहा है। ठंड बढ़ने के साथ नवजात और शिशुओं के निमोनिया के चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। दिसंबर से फरवरी के बीच तीन माह का समय संक्रमण को लेकर बेहद संवेदनशील रहता है। उप जिला अस्पताल विकासनगर में पूरे सीजन में निमोनिया के 10 से 12 मामले आते हैं।उप जिला अस्पताल विकासनगर में जौनसार बावर और पछवादून क्षेत्र से मरीज आते हैं।

दोनों क्षेत्रों में केवल विकासनगर को छोड़कर किसी भी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। उप जिला अस्पताल में बाल रोग की ओपीडी 60 से 70 के बीच रहती है। उप जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. विजय सिंह बताते हैं कि सर्दियों में श्वसन तंत्र संबंधी संक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं। इनमें ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र दोनों ही तरह के मामले होते हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमण को लेकर दिसंबर, जनवरी और फरवरी, यह तीन माह नवजात व शिशुओं के लिए बेहद संवेदनशील होते हैं। मामूली सर्दी जुकाम जैसे लक्षणों को नजर अंदाज करने पर बच्चे निमोनिया की चपेट में आ सकते हैं।

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