देश के नामचीन पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थानों में से एक नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) ने बृहस्पतिवार आज अपनी स्थापना के 59 साल पूरे कर लिए हैं। आज ही के दिन 1965 में संस्थान की स्थापना हुई थी। संस्थान का इतिहास उपलब्धियों से भरा है।पर्वतारोहण प्रशिक्षण के साथ ये संस्थान एडवेंचर, स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग, माउंटेन टेरेन बाइकिंग, स्कीइंग और योगा जैसे कोर्स भी संचालित कर रहा है, जो कि युवाओं की पहली पसंद है। देश के पहले प्रधानमंत्री स्व. पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर स्थापित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान बनाने का प्रस्ताव पहली बार वर्ष 1964 में आया था।जब रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने यह प्रस्ताव पेश करते हुए उत्तरकाशी को इसके लिए विशेष रूप से चुना था। इसका एक कारण पश्चिमी गढ़वाल हिमालय के गंगोत्री क्षेत्र से इसकी निकटता थी। क्षेत्र में करीब 40 से अधिक छोटी-बड़ी पर्वत चोटियां है। इसके चलते वर्ष 1965 में निम की स्थापना ज्ञानसू में की गई।
22 सदस्यीय दल ने जुलाई माह में 11 अनाम और अनारोहित चोटियों पर सफल आरोहण किया
बाद में इसे वर्ष 1966 में वर्तमान लदाड़ी क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया। अपनी स्थापना से लेकर अब तक संस्थान कई बड़ी उपलब्धियां अपने नाम कर चुका है। इनमें दो बार वर्ष 2009 और वर्ष 2021 में सफलता पूर्वक माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर आरोहण शामिल हैं। इसके अलावा संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया के नेतृत्व में इसी साल संस्थान के 22 सदस्यीय दल ने जुलाई माह में माणा क्षेत्र की 11 अनाम और अनारोहित चोटियों पर सफल आरोहण पूरा किया है, जिनका नामकरण वर्ष 2022 में द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे में दिवंगत पर्वतारोहियों के नाम पर रखने के लिए राज्य सरकार के माध्यम से प्रस्ताव भेजा गया है।
शुरू किए हैं स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग और माउंटेन टेरेन बाइकिंग कोर्स
निम पर्वतारोहण में बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू, मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन जैसे कोर्स तो संचालित करता ही है। इसके अलावा संस्थान ने वर्ष 2020 में स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग कोर्स भी शुरू किया है। वहीं, गत वर्ष संस्थान ने माउंटेन टेरेन बाइकिंग कोर्स शुरू किया है। इसके अलावा इसी साल योगा कोर्स भी शुरू किया गया है। एक छत के नीचे विभिन्न तरह के कोर्स की विविधता के चलते भी यह संस्थान युवाओं की पहली पसंद है।
हीरक जयंती पर एवरेस्ट आरोहण की योजना
संस्थान वर्ष 2025 में हीरक जयंती मनाएगा। हीरक जयंती के उपलक्ष्य में संस्थान ने तीसरी बार माउंट एवरेस्ट फतह की योजना तैयार की है। इसके लिए प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय भारत सरकार को भेजा गया है। संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया का कहना है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर तीसरी बार एवरेस्ट का आरोहण करने संस्थान की टीम रवाना होगी।
अगले साल डायमंड जुबली ईयर पर एवरेस्ट आरोहण की योजना
संस्थान का सफर उपलब्धियों भरा है। अब तक 35 हजार प्रशिक्षार्थी संस्थान से प्रशिक्षण ले चुके हैं। अगले साल डायमंड जुबली ईयर पर एवरेस्ट आरोहण की योजना है। 11 अनाम व अनारोहित चोटियां आरोहण की उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद यह उपलब्धि भी संस्थान के नाम होगी। – कर्नल अंशुमान भदौरिया, प्रधानाचार्य निम।