देहरादून। बीती सोमवार 11 नवंबर को देहरादून में ओएनजीसी चौक पर जिस कंटेनर से टकराकर तेज रफ्तार इनोका कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, उस कंटेनर का फिटनेस प्रमाण पत्र 16 अगस्त 2013 में ही खत्म हो गया था। इतना ही नहीं कंटेनर का नेशनल परमिट भी 10 अगस्त 2015 को खत्म हो गया था। इस हादसे में इनोवा सवार 6 छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि एक छात्र हॉस्पिटल में जिंदगी के लिए मौत से लड़ रहा है। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए छात्र सिद्धेश के पिता ने कैंट कोतवाली में अज्ञात कंटेनर चालक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। जिसके बाद पुलिस की टीम कंटेनर चालक की तलाश में यूपी के खतौली और सहारनपुर भेजी गई है।
पहले पूरा मामला जानिए। देहरादून इनोवा हादसे में 6 छात्रों की मौत के बाद रोज-रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं। नए खुलासे से पहले आपको हादसे के बारे में बताते है। सोमवार देर रात को तेज रफ्तार इनोवा देहरादून के ओएनजीसी चौक पर बाई तरफ से एक कंटेनर में पीछे से जा घुसी और फिर विपरीत दिशा में पेड़ से टकरा गई। कंटेनर से टकराने के बाद इनोवा की छत टूट गई और ड्राइवर के बगल वाली फ्रंट सीट पर बैठे कुणाल कुकरेजा और उसके ठीक पीछे बैठी गुनीत के सिर धड़ से अलग होकर सड़क पर जा गिरे। वहीं अन्य चार छात्रों की भी मौके पर ही मौत हो गई। एक छात्र इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। प्राथमिक जांच में ये भी सामने आया है कि इनोवा 30 अक्टूबर को ही धनतेरस पर खरीदी गई थी।
2013 में खत्म हो चुका है कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट। इस घटना में सबसे बड़ा चौकाने वाले खुलासा ये है कि जिस कंटेनर से टकराने के कारण इनोवा कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। वो कंटेनर HR-55J-4348 गुरुग्राम आरटीओ कार्यालय में 12 अगस्त 2009 को पंजीकृत हुआ था, जो बाद में पहले मालिक ने यूपी के खतौली निवासी की बेच दिया था।
बीमा भी साल 2015 में खत्म हो गया था। हैरानी की बात ये है कि कंटेनर का फिटनेस सर्टिफिकेट 16 अगस्त 2013 में खत्म हो गया था। नेशनल परमिट 10 अगस्त 2015 को खत्म हो गया था. कंटेनर का परिवहन विभाग का टैक्स 31 मार्च 2015 और बीमा 31 मार्च 2015 खत्म हो चुका है। इसके अलावा कंटेनर की बडी पर कही भी रिफ्लेक्टर नहीं लगे हुए थे और न ही साइड इंडीकेटर और बैक लाइट काम कर रही थी।
रात में ही चलता था कंटेनर। आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी का साफतौर पर कहना है कि यह कंटेनर सड़क पर चलने लायक नहीं है और यह कंटेनर सिर्फ एक कैंपस से दूसरे कैंपस तक ही चल सकता है। साथ ही बताया है कि इस कंटेनर के सही दस्तावेज खत्म हो चुके हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि यह कंटेनर रात में ही चलता था. इसलिए परिवहन विभाग की पकड़ में नहीं आया है।
घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी को लेकर मिली बड़ी जानकारी। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि ओएनजीसी चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरे खराब थे। इसीलिए उसमें हादसा रिकॉर्ड नहीं हो पाया, लेकिन जांच में सामने आया कि सोमवार रात को करीब 11 बजे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग बंद हो गई थी और अगले दिन यानी मंगलवार 12 नवंबर को सुबह 10 बजे अपने आप ही रिकॉर्डिंग शुरू हो गई. इसका मतलब ये हुआ कि ओएनजीसी चौक पर लगे कैमरे 11 नवंबर को दिन में चल रहे थे, लेकिन दुर्घटना के कुछ घंटे पहले ही उनकी रिकॉर्डिंग बंद हो गई थी. इसके भी कई कयास लगाए जा सकते हैं।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा। इस मामले में आज 15 नवंबर को विपिन कुमार अग्रवाल निवासी राजपुर रोड की शिकायत कोतवाली कैंट में मुकदमा भी दर्ज हुआ है। विपिन कुमार ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 12 नवंबर रात को उनके बेटे सिद्धेश और छह अन्य दोस्त इनोवा कार में सवार थे। उस इनोवा कार की टक्कर कौलागढ़ चौक पर कंटेनर से हो गई थी। इस हादसे में उनके बेटे के 6 दोस्तों की मौत हो चुकी है। वहीं उनका बेटा भी गंभीर रूप से घायल है। तहरीर के आधार पर कोतवाली कैंट में अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर एक टीम को सहारनपुर और खतौली भेजा है. बताया जा रहा है कि सभी सिद्धेश के होश में आने के इंतजार कर रहे है। क्योंकि सिद्धेश ही इस पूरी घटना का सच बता सकता है।