देहरादून, 17 नवंबर 2024:
जिला प्रशासन द्वारा शहर को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की दिशा में चलाए जा रहे अभियान ने एक और महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल के नेतृत्व में ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में इस उद्देश्य को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। डीएम ने इस बैठक में भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए तैयार माइक्रोप्लान को मंजूरी दी।
03 पेट्रोलिंग वाहन शीघ्र होंगे रवाना:
भिक्षावृत्ति से बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी को तीन विशेष पेट्रोलिंग वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इन वाहनों को ऑपरेशन के अनुरूप मॉडिफाई किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जल्द ही इन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
सामाजिक संगठनों के साथ समझौता:
बच्चों को इन्टेंसिव केयर शेल्टर में उचित देखभाल और माहौल देने के लिए जिला प्रशासन ने तीन सामाजिक संगठनों – आसरा, सरफीना, और समर्पण के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
इन्टेंसिव केयर शेल्टर का कार्य शुरू:
साधूराम इंटर कॉलेज में बच्चों के लिए इन्टेंसिव केयर शेल्टर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। बच्चों के व्यवहारिक परिवर्तन और उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए यहां मल्टी-एक्टिविटी हॉल भी बनाया जाएगा।
भिक्षावृत्ति उन्मूलन मॉडल को राज्यव्यापी करने की तैयारी:
शिक्षा मंत्री ने डीएम के इस मॉडल की प्रशंसा करते हुए इसे केबिनेट में लाने का सुझाव दिया है, जिससे इसे पूरे राज्य में लागू किया जा सके।
जिला प्रशासन का व्यापक समर्थन:
बाल कल्याण समिति (CWC) और राज्य सरकार ने इस अभियान को पूर्ण समर्थन दिया है। डीएम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला बाल विकास अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा कर इस योजना को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए।
रेस्क्यू अभियान के प्रभावी प्रबंधन:
रेस्क्यू अभियान के तहत भिक्षावृत्ति करते पाए गए बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने और उनकी शिक्षा, खेल और मनोरंजन की व्यवस्था करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई गई है। 12 होमगार्ड चौराहों पर तैनात किए गए हैं, जो वाहन सहायता से बच्चों को रेस्क्यू कर इन्टेंसिव केयर शेल्टर तक पहुंचाएंगे।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी:
इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय जैन, और संबंधित विभागों के अधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। डीएम ने इस अभियान में योगदान देने वाले सभी अधिकारियों की सराहना की।
बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के माध्यम से जिला प्रशासन ने बच्चों को बेहतर भविष्य देने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।