Tuesday, September 23, 2025
Google search engine
Homeखास खबररिश्तों में आएगी नई गरमाहट भारत-नेपाल के बीच रिश्ते का सेतु बनकर...

रिश्तों में आएगी नई गरमाहट भारत-नेपाल के बीच रिश्ते का सेतु बनकर तैयार बस थोड़ा कीजिए इंतजार

सीमा विवाद के बीच भारत और नेपाल के रिश्तों में नई गरमाहट लाने के लिए उत्तराखंड की सीमा से पड़ोसी देश को एशियन हाईवे और मोटर पुल से जोड़ने की तैयारी है। पिथौरागढ़ के छारछुम में काली नदी पर टू लेन और चंपावत के बनबसा से छह किमी दूर नेपाल सीमा में महाकाली नदी पर फोर लेन का मोटरपुल बनकर तैयार है। दोनों देशों की सीमा में स्थानीय स्तर पर एप्रोच रोड और एशियन हाईवे का कितना कार्य हो चुका है, दोनों मार्गों से भारत और नेपाल आपस में कब तक जुड़ जाएंगे

110 मीटर लंबा मोटरपुल बनकर तैयार, बाकी काम अधूरा
आजादी के बाद पहली बार उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की सीमा से नेपाल को जोड़ने के लिए छारछुम में 110 मीटर लंबा सेतु बनकर तैयार है। निर्माण में लगभग 32 करोड़ की लागत आई है, जिसमें नेपाल की सीमा में 110 मीटर की एप्रोच रोड भी शामिल है। दूसरी ओर 180 मीटर की एप्रोच रोड बनाने के लिए संशोधित डीपीआर शासन को भेजी गई है। पूरे प्रोजेक्ट का खर्च धामी सरकार वहन कर रही है। नेपाल में दो एप्रोच रोड का कार्य भी राज्य सरकार करेगी।नेपाल सीमा में 110 मीटर एप्रोच रोड का कार्य चल रहा है। 180 मीटर का कार्य शुरू करने के लिए वित्तीय स्वीकृति मिलने का इंतजार है। छारछुम पुल से पहले भारतीय सीमा में सुरक्षा एजेंसियों के लिए चौकी, पार्किंग भी बननी है। इसकी भी डीपीआर लोक निर्माण विभाग ने राज्य सरकार को भेज दी है। मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू होगा। नेपाल के हिस्से में एप्रोच रोड व भारत में सुरक्षा एजेंसियों के लिए चौकियों को बनाने में अधिकतम दो से तीन माह का समय लग सकता है। यह तब जब समय से राज्य सरकार से वित्तीय स्वीकृति मिल जाए।

छारछुम पुल (भारत)
लंबाई 110 मीटर
समय दो साल
लागत `32 करोड़

महाकाली पुल (नेपाल)
लंबाई 800 मीटर
समय चार साल
लागत `187 करोड़

सात जिलों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा
चंपावत जिले के बनबसा के जगबुड़ा नदी के पास से चार किमी लंबे एशियन हाईवे बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। इस हाईवे के बीच शारदा कैनाल, रेलवे ओवर ब्रिज और इलिफेंट कॉरिडोर आ रहा है। प्रोजेक्ट पर 50% से अधिक का कार्य हो गया है। शेष कार्य एनएचएआई तेजी से कर रहा है। प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि कोई भी वाहन कहीं भी इन या आउट नहीं हो सकता। एशियन हाईवे के बीच में 750 मीटर का एलिफेंट कॉरिडोर बन गया है। हाथी-अन्य वन्यजीव हाईवे के नीचे से गुजरेंगे। हाईवे नेपाल के मायापुरी वन क्षेत्र के पास जुड़ेगा जो भारत-नेपाल सीमा का पिलर नंबर 802 है। शारदा कैनाल पर सेतु के लिए एक पाया बन गया है, दूसरे का कार्य चल रहा है। एशियन हाईवे शुरू होने के बाद दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड के उत्पादों को नेपाल के बाजारों में पहुंचाना आसान होगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments