देहरादून, 19 नवंबर 2024: बाल संरक्षण और भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत देहरादून प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बिंदाल पुल और लाल पुल क्षेत्र में भिक्षावृत्ति में लिप्त तीन बच्चों को बचाया। जिलाधिकारी के निर्देशन में इस अभियान को चाइल्ड हेल्पलाइन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU), जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU), और प्रोबेशन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया।
रेस्क्यू किए गए बच्चों में दो बालिकाएं और एक बालक शामिल हैं। प्राथमिक जांच में पाया गया कि ये बच्चे लंबे समय से सड़कों पर भिक्षावृत्ति कर रहे थे। टीम ने बच्चों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उनकी काउंसलिंग की। इसके बाद, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी जनरल डायरी (GD) दर्ज कराई गई और मेडिकल जांच करवाई गई।
बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुतिकरण
बचाव अभियान के अगले चरण में बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति ने बच्चों की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उन्हें शिशु सदन में अस्थायी आश्रय प्रदान करने का निर्देश दिया। शिशु सदन में बच्चों को बेहतर रहने की सुविधा और आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
प्रशासन की प्राथमिकता: बच्चों का पुनर्वास
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है। जिला प्रशासन का कहना है कि बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें शिक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं दिलाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
इस प्रकार की घटनाएं बाल अधिकारों की सुरक्षा और समाज में भिक्षावृत्ति रोकने की आवश्यकता को उजागर करती हैं। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी बच्चे भिक्षावृत्ति करते हुए नजर आएं तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन पर इसकी सूचना दें। इस प्रकार की सूचनाएं समाज को सुरक्षित और बच्चों के लिए उज्जवल भविष्य प्रदान करने में मददगार साबित हो सकती हैं।