उत्तराखंड पुलिस के नए डीजीपी दीपम सेठ ने संभाला कार्यभार
मुख्यालय, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड
25 नवंबर, 2024
उत्तराखंड पुलिस को आज उसका नया नेतृत्व मिल गया, जब श्री दीपम सेठ ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पदभार संभाला। श्री सेठ के चयन से पुलिस प्रशासन में अनुभव और नयी ऊर्जा का समावेश हुआ है।
व्यक्तिगत और शैक्षिक पृष्ठभूमि
शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे श्री दीपम सेठ ने अपनी सीनियर सेकेंडरी शिक्षा नैनीताल के शेरवुड कॉलेज से पूरी की। उन्होंने बीआईटीएस पिलानी से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की।
पुलिस सेवा में उनकी रुचि और गहन अध्ययन की प्रवृत्ति ने उन्हें 1997 में पुलिस प्रबंधन में मास्टर्स (ओस्मानिया यूनिवर्सिटी) और 2022 में आईआईटी रुड़की से पीएचडी करने के लिए प्रेरित किया। उनकी पीएचडी का विषय था: “Impact of Strategic Planning and Communication on Team Effectiveness – A Study of Policing of Mega Events”।
प्रमुख नियुक्तियां और अनुभव
1995 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री सेठ ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। इनमें शामिल हैं:
- पुलिस अधीक्षक: टिहरी गढ़वाल और ज्योतिबा फुले नगर।
- सेनानायक, पीएसी: 41वीं वाहिनी पीएसी, मेरठ।
- संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, कोसोवो: प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्य।
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक: नैनीताल।
- पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी): गढ़वाल परिक्षेत्र, क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर।
- पुलिस महानिरीक्षक (आईजी): स्पेशल टास्क फोर्स, लॉ एंड ऑर्डर।
- आईटीबीपी में आईजी: नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर, लद्दाख।
- अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी): एसएसबी।
सम्मान और उपलब्धियां
श्री सेठ को उनकी सेवाओं के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 1996: श्री भुवनानंद मिश्रा मेमोरियल ट्रॉफी और Esprit de Corps Medal।
- 2004: संयुक्त राष्ट्र पदक।
- 2011: सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक।
- 2021: विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक।
- आईटीबीपी में डीजी के Commendation Roll (2020 और 2021)।
- Union Home Minister’s Special Operations Medal (ऑपरेशन स्नो लियोपर्ड)।
भविष्य की प्राथमिकताएं
पदभार संभालने के बाद, श्री सेठ ने उत्तराखंड पुलिस की प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित किया:
- अपराधों पर नियंत्रण और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना।
- मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्यवाही।
- साइबर सुरक्षा को मजबूत करना।
- आपदा प्रबंधन में पुलिस की तत्परता बढ़ाना।
- पुलिसिंग को पारदर्शी और जनहितैषी बनाना।
- यातायात प्रबंधन और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम।
- महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
उत्तराखंड पुलिस के नए डीजीपी की इस नेतृत्वकारी दृष्टि से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में नए मानक स्थापित होने की उम्मीद है।