कोतवाली विकासनगर में पुलिसकर्मियों की कमी पुलिसिंग पर भारी पड़ रही है। बीते साल तक कोतवाली में पुलिसकर्मियों की संख्या 78 थी जो, अब घटकर 70 ही रह गई है। सबसे अधिक कमी सिपाहियों की है। कोतवाली में केवल 44 सिपाही तैनात हैं। जबकि, 64 सिपाहियों की जरूरत है। गश्त, चेकिंग व्यवस्था, कागजी कार्रवाई को बनाए रखने उपनिरीक्षक और मौजूदा सिपाही अतिरिक्त बोझ से जूझ रहे हैं।कोतवाली क्षेत्र में करीब-करीब पूरा विकासनगर ब्लॉक क्षेत्र शामिल है। जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र आते हैं। कुछ सीमांत क्षेत्र सहसपुर थाने में शामिल हैं। करीब डेढ़ लाख की आबादी की सुरक्षा की जिम्मेदारी कोतवाली पुलिस पर है। क्षेत्र से हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा भी लगी हुई है। नशा तस्करी और आपराधिक घटनाओं को लेकर क्षेत्र बेहद संवेदनशील है।
देहरादून में भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाश फरार होने के लिए विकासनगर के रास्ते को मुफीद मानते हैं। एक दौर था जब कोतवाली में पुलिसकर्मियों की संख्या 121 हुआ करती थी। लेकिन अब निरीक्षक, उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और सिपाही मिलाकर संख्या केवल 70 रह गई है। क्षेत्र में अपराध लगातार बढ़ रहे है।पुलिसिंग को बेहतर बनाने में सिपाहियों की कमी पुलिस को सबसे अधिक खल रही है। कोतवाली में केवल 44 सिपाही हैं। जबकि, 64 सिपाहियों की जरूरत है। सिपाहियों की कमी के चलते चौक चौराहों, चेक पोस्ट पर नियमित चेकिंग और क्षेत्र में गश्त व्यवस्था बनाने में दिक्कत आती है।
निरीक्षक – 1
उप निरीक्षक – 9
महिला उपनिरीक्षक – 1
अपर उपनिरीक्षक – 2
हेड कांस्टेबल – 13
कांस्टेबल – 40
महिला कांस्टेबल – 4
कोट
कोतवाली में पुलिसकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। समस्या यह है कि नई भर्ती के सापेक्ष सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों की संख्या अधिक है। समस्या को दूर करने के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता की जाएगी। – बीएल शाह, सीओ, विकासनगर