लंबे समय से बारिश न होने से नमी न होने के कारण अब जंगलों में आग भड़कने लगी है। मंगलवार को गोपेश्वर के समीप गैर-टंगसा में चीड़ के जंगल में अचानक आग भड़क गई। आग से चारों ओर धुंध फैल गई। सूचना मिलने पर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के फायर वाचर मौके पर पहुंचे और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी। दिसंबर माह में पहाड़ियों पर हल्की बर्फबारी होने से जंगलों में नमी रहती थी। मगर इस वर्ष करीब दो माह से बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है। ऐसे में कई जगहों पर घास सूख गई है। मंगलवार को गैर-टंगसा में चीड़ के जंगल में आग भड़क उठी।केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के एसडीओ मोहन सिंह का कहना है कि दोपहर करीब डेढ़ बजे आग लगने की सूचना मिली और फायर वाचर मौके पर भेजे गए। एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। जंगल में आग लगाने वालों की पहचान नहीं हो पाई है। बारिश न होने के कारण जंगलों में आग लगने का खतरा भी बढ़ गया है।
10 से अधिक गांवों में चला जागरूकता अभियान
सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र की ओर से आयोजित वनाग्नि जागरूकता एवं अध्ययन अभियान के तहत विकासखंड के धनपुर रेंज के 10 से अधिक गांवों में जागरूकता अभियान चलाया गया। बौंला गांव में हुई जागरूकता गोष्ठी में कहा गया कि वनाग्नि रोकने में जन जागरूकता की अहम भूमिका है। विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने कहा बिना जनसहयोग के हमारे वन सुरक्षित नहीं हो सकते। निवर्तमान प्रधान लक्ष्मी रावत ने कहा कि समय से पूर्व जन जागरूकता अभियान वनों को आग से बचाने में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डिप्टी रेंजर मंगल सिंह नेगी ने कहा कि इस अभियान में स्थानीय समुदाय को जागरूक कर, वनों के संरक्षण में उनके सक्रिय योगदान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। वहीं धनपुर रेंज के दुआ, काण्डा, डाण्डा, बर्तोली, ढमढमा, ग्वाड, देवल, सुनाक, सिदोली, बौला श्रीकोट सहित अन्य गांवों और विद्यालयों में गोष्ठियां आयोजित की गईं। ग्रामीणों को वनाग्नि रोकने में सहयोग करने और जंगलों को बचाने की शपथ भी दिलाई गई। बैठक में बचन सिंह रावत, मंगला कोठियाल, मनोज तिवाड़ी, सुबोध डिमरी, विनय सेमवाल आदि शामिल थे।