राजाजी टाइगर रिजर्व में साल 2018 से 2021 के बीच आउटसोर्स कार्मिकों की नियुक्ति में करोड़ों रुपये का घोटाला की आशंका है, जिसमें तत्कालीन निदेशकों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। इसका खुलासा राज्य सूचना आयोग में एक आरटीआई पर सुनवाई के चलते हुआ।आयोग ने कार्मिकों की नियुक्ति और भुगतान से संबंधित दस्तावेजों की जांच करवाई तो पांच करोड़ रुपयों से अधिक भुगतान के बिल ही नहीं मिले। अनियमितता इस हद तक हुई कि जिस फर्म को भुगतान किया गया, उससे कार्मिकों का ईपीएफ या ईएसआई का विवरण भी नहीं लिया। राज्य सूचना आयोग ने पूरे गोलमाल पर राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक को जांच का आदेश देकर अगली सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई 10 जनवरी को होगी। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि इस मामले में राजाजी के उप निदेशक द्वारा जांच जारी है, लेकिन जिस तरह से वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है, उससे निदेशक स्तर पर विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
आरटीआई पर सुनवाई के चलते हुआ खुलासा राजाजी टाइगर रिजर्व में तैनाती के नाम पर करोड़ों का घोटाला
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