Monday, September 22, 2025
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राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता अजय ओली ने बाल भिक्षा और बालश्रम के खिलाफ की अनूठी पहल

750 किलोमीटर की नंगे पांव यात्रा से किया जागरूकता अभियान, 16 राज्यों में पहुंचे हजारों बच्चे

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड):
राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित अजय ओली ने देशभर में बाल भिक्षा, बाल श्रम, और शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए जागरूकता अभियान चलाने के उद्देश्य से 750 किलोमीटर की नंगे पांव पैदल यात्रा पूरी की। 57 दिनों तक चली इस यात्रा के दौरान अजय ओली ने 16 राज्यों का भ्रमण किया और 200 से अधिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाए।

इस पहल का उद्देश्य न केवल बच्चों को शिक्षा से जोड़ना है, बल्कि बालश्रम और बाल भिक्षा की समस्या को जड़ से समाप्त करना भी है। यह यात्रा घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में की गई, जिसकी शुरुआत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से हुई और देश के दक्षिणी राज्यों तक पहुंची।

यात्रा के मुख्य पड़ाव और उपलब्धियां

  1. बाल भिक्षा और बाल श्रम के खिलाफ कदम
    अजय ओली ने 16 राज्यों में हजारों बच्चों से मुलाकात कर उन्हें “एजुकेशन ऑन व्हील्स” कार्यक्रम से जोड़ा। इस अभियान के दौरान 70,000 से अधिक बच्चों और उनके परिवारों तक जागरूकता संदेश पहुंचाया गया। बच्चों को स्कूलों में नामांकित करने और शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया गया।
  2. पीसीएम वर्ल्डवाइड ग्रुप के साथ साझेदारी
    देहरादून स्थित पीसीएम वर्ल्डवाइड संस्था के साथ मिलकर बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा, किताबें, कपड़े और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई। झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों तक इस सहायता को पहुंचाने में संस्था ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  3. सम्मान और नई योजनाएं
    बैंगलोर के साकरा इंटरनेशनल हॉस्पिटल ने बाल दिवस पर अजय ओली को उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया। दक्षिण भारत में उनके साथ मिलकर और अधिक कार्य करने की योजना बनाई जा रही है।
  4. सरकारी और सामाजिक संस्थाओं से समर्थन
    इस यात्रा के दौरान अजय ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री श्रीपद नायक, और अजय टम्टा से मुलाकात कर अपने अभियान को साझा किया। इसके अलावा, देशभर के प्रतिष्ठित विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाए।
  5. डॉक्यूमेंट्री और डेटा संग्रह
    अभियान के दौरान बाल भिक्षा और शिक्षा से वंचित बच्चों पर डेटा संग्रह किया गया। इस डेटा के आधार पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जा रही है, जो बाल अधिकारों की ओर ध्यान केंद्रित करेगी।
  6. एजुकेशन ऑन व्हील्स की सफलता
    “एजुकेशन ऑन व्हील्स” कार्यक्रम के तहत 20 से अधिक बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलवाया गया। मैसूर में एक बच्ची को “एडॉप्ट एंड चेंज” योजना के तहत गोद लेकर उसके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया।
  7. स्थानीय कला और कौशल विकास को बढ़ावा
    बच्चों को हैंडमेड राखी, कार्ड, रंग, और ऐपन बनाने की कला सिखाई गई। कौशल विकास के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया गया।

पहली बड़ी अखिल भारतीय यात्रा

यह अजय ओली की उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक की पहली बड़ी पैदल यात्रा थी। इससे पहले उन्होंने उत्तर भारत में 35 छोटी यात्राएं की थीं। अब तक वे 17,000 से अधिक बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ चुके हैं और 4 लाख युवाओं को जागरूक कर चुके हैं।

आगे की योजना

देहरादून और रुड़की में बड़े स्तर पर बाल श्रम और भिक्षावृत्ति के खिलाफ आंदोलन की तैयारी की जा रही है। साथ ही, बच्चों को कौशल विकास से जोड़कर उनके जीवन को नई दिशा देने का प्रयास जारी रहेगा।

अजय ओली का यह अभियान पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है, जो दिखाता है कि अगर सही दिशा में काम किया जाए, तो बदलाव अवश्य संभव है।

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