उत्तरकाशी। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में भूस्खलन का मलबा हटाने के लिए बनाई जा रही दूसरी ड्रिफ्ट टनल (निकासी सुरंग) भी आर-पार हो गई है।जिसके बाद अब तीसरी और आखिरी ड्रिफ्ट टनल की खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है. यह टनल सिलक्यारा हादसे के बाद गिरे मलबे को हटाने के लिए बनाई जा रही है।बीते साल 12 नवंबर 2023 को चारधाम सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में मलबा आ गिरा था। जिसके चलते 41 श्रमिक सुरंग के अंदर ही फंस गए थे। हादसे के बाद श्रमिकों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। जिसमें ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स और रैट माइनर्स की मदद ली गई थी। जिसके चलते 17 दिन दिन सभी श्रमिकों को सुरंग से सकुशल बाहर निकाला गया था, लेकिन हादसे के बाद भी सुरंग में गिरा मलबा अभी पूरी तरह से नहीं हट पाया है।
इस मलबे को निकालने के लिए डी-वाटरिंग के बाद इस साल जुलाई महीने में ही करीब एक मीटर चौड़ी 3 ड्रिफ्ट टनलों का निर्माण शुरू किया गया, जिनमें से पहली टनल बीती सितंबर महीने में आर-पार हुई थी। जिसके बाद दूसरी ड्रिफ्ट टनल बनाई जा रही थी। जो दिसंबर पहले हफ्ते में सफलतापूर्वक आर-पार हो गई है। दूसरी टनल का काम पूरा होते ही तीसरी और आखिरी ड्रिफ्ट टनल का निर्माण शुरू कर दिया गया है। सुरंग के अंदर मलबे को स्थिर रखने के लिए पूरी तरह ठोस में बदला गया गया है। इसके लिए शॉट क्रिट के साथ रॉक बोल्टिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है, जिससे मलबा खिसकने से दोबारा किसी तरह के हादसे का खतरा न हो। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही तीसरी और आखिरी ड्रिफ्ट टनल का काम शुरू कर उसे भी आर-पार कर दिया जाएगा। जिसके बाद मलबा हटाने के काम में तेजी लाई जाएगी।
मार्च 2025 में आर पार होगी सिलक्यारा सुरंग। सिलक्यारा सुरंग की खुदाई के काम को मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सिलक्यारा छोर से मलबा आने के कारण यह काम पोलगांव (बड़कोट) की छोर से किया जा रहा है। जहां से बीती दिनों तक 180 मीटर निर्माण बाकी था। अधिकारियों की मानें तो बड़कोट छोर से सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए ही खुदाई को अंजाम दिया जा रहा है। सिलक्यारा सुरंग में मलबा हटाने के लिए बनाई जा रही दूसरी ड्रिफ्ट टनल आर-पार हो गई है। जिसके बाद तीसरी और आखिरी ड्रिफ्ट टनल की खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है। बड़कोट छोर से सुरंग की खुदाई का काम जारी है। – अंशु मनीष खलको, निदेशक, एनएचआईडीसीएल