काशीपुर। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का जाम करने के आरोप में 17 लोगों को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। जसपुर खुर्द निवासी गुलशेर पुत्र कलुआ का शव 5 मई 2007 को परमानंदपुर में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था। घटना से आक्रोशित लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्काजाम किया था। मामले में तत्कालीन कोतवाल राजकुमार फस्र्वाण की ओर जाम लगाने वालों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। जाम लगाने वालों में मोबीन, हाफिज मोहम्मद अली, हाफिज शाहिद, रईस अहमद, बाबू, इमामुद्दीन, बल्लू, आरडी खान, काले आली, ओमकार सिंह, मोहम्मद उमर, सलीम, तौकीर अहमद, शमीम अहमद, ताहिर, मुश्ताक, परवेज, कलुआ, शराफत और अन्नी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट प्रस्तुत की। लगभग 17 साल चले इस केस की सुनवाई के दौरान तीन आरोपी कलुआ, शराफत और अन्नी की मृत्यु हो गई। इस दौरान अभियोजन की ओर से कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से चार अधिवक्ताओं ने पैरवी की। न्यायिक मजिस्ट्रेट करिश्मा डंगवाल की अदालत ने संबंधित पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए सभी 17 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
हत्यारोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जाम लगाने के 17 आरोपी दोषमुक्त
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