Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeउत्तराखण्डबच्चों और बुजुर्गों में संक्रमण का अधिक खतरा दून में मिला इन्फ्लुएंजा-ए...

बच्चों और बुजुर्गों में संक्रमण का अधिक खतरा दून में मिला इन्फ्लुएंजा-ए वायरस का पहला मरीज

दून अस्पताल से इन्फ्लुएंजा-ए वायरस से पीड़ित पहला मरीज सामने आया है। आरटीपीसीआर जांच के बाद मरीज में एन्फ्लुएंजा-ए वायरस की प्रमाणिक पुष्टि हुई है। चिकित्सकों के मुताबिक हालत गंभीर होने की वजह से मरीज अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटरी सपोर्ट पर है।शुरूआत में मरीज इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण के प्राथमिक लक्षणों से जूझ रहा था। उसे तेज बुखार के साथ ही जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। चूंकि मरीज की हालत काफी गंभीर थी, ऐसे में चिकित्सक की ओर से आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी। रिपोर्ट सामने आने के बाद मरीज में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण की पुष्टि हुई है।

बच्चों और बुजुर्गों में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण का अधिक खतरा
दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि यूं तो इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण की चपेट में किसी भी आयु वर्ग के लोग सामने आ सकते हैं, लेकिन पांच वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका सबसे अधिक खतरा होता है। अस्पताल में भर्ती एन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण से पीड़ित मरीज की उम्र 17 वर्ष है।

दिल्ली के एक अस्पताल में किसी रोग का उपचार ले रहा है मरीज
जानकारी के मुताबिक मरीज का दिल्ली के एक अस्पताल में किसी रोग का उपचार चल रहा है। बीते दिनों वह वहां से दवाई लेकर आया है। ऐसे में मरीज के वहां पर संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है।

प्राथमिक लक्षणों का न करें नजर अंदाज
चिकित्सक डॉ. अशोक के मुताबिक तेज बुखार, खांसी और जुकाम एन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण के प्राथमिक लक्षण माने जाते हैं। इस तरह के लक्षण सामने आने पर लोगों को बिना किसी देरी के चिकित्सकों से परामर्श करना चाहिए। इससे बचाव के लिए लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखनी चाहिए। इसके अलावा बाहर जाते समय मास्क लगाना चाहिए।

हरकत में आया दून अस्पताल प्रबंधन
दून अस्पताल में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण का मरीज सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हो गया है। इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। ऐसे मरीज को भर्ती के लिए अस्पताल में आठ बेड एक आईसीयू है। यहां पर सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान किया जा रहा है।अस्पताल में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण से बचाव के लिए समस्त तैयारियां कर ली गई हैं। आइसोलेशन वार्ड में सभी तकनीकि और मानवीय संसाधनों का इंतजाम किया गया है। मरीजों को कोई भी परेशानी न हो इस दिशा में काम किया जा रहा है। – डॉ. गीता जैन, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments