शीशमबाड़ा में कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम के अफसर कंपनी को धड़ाधड़ भुगतान करते रहे। वहीं, निगरानी कंपनी भी मामले में तमाशबीन बनी रही और कोई आपत्ति नहीं लगाई। मामले में अब नगर आयुक्त ने जांच बैठा दी है। इसके लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है।शीशमबाड़ा में रोजाना पहुंचने वाले कूड़े के निस्तारण का काम नगर निगम ने नेकोफ को 2022 में सौंपा था। तब से लेकर अब तक कंपनी कूड़े का निस्तारण कर रही है। इसकी निगरानी का काम प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पीएमसी) देख रही थी। इस दौरान नेकोफ ने कूड़ा निस्तारण तो 40 प्रतिशत किया, लेकिन भुगतान 80 फीसदी का उठाया। डीएम सविन बंसल ने इसकी जांच कराई तो मामला सामना आया। इसके बाद से नगर निगम में अफरातफरी है।
भुगतान को लेकर नगर निगम के अधिकारी तो सवालों के घेरे में हैं ही, साथ ही निगरानी कर रही कंपनी के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।सूत्रों के अनुसार जिस समय यह एमओयू बनाया गया था कि तब यह कंपनी भी इसमें शामिल थी। ऐसे में निगरानी करने वाली कंपनी को एमओयू के बारे में सब कुछ पता था। सवाल है कि इसके बावजूद पिछले दो सालों से यह भुगतान कैसे होने दिया गया। मामला गंभीर है। पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। शुरू से लेकर आज तक किए गए भुगतान और कूड़ा निस्तारण की जांच की जाएगी। गलत भुगतान के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है, उनको भी बख्शा नहीं जाएगा। – नमामि बंसल, नगर आयुक्त