अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फाॅर एआई और सेंटर फाॅर एविडेन्स सिंथेसिस एंड पब्लिक पाॅलिसी सेंट्रल लाइब्रेरी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सम्मेलन में विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के महत्व की जानकारी दी।केंद्रीय परिवार और कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव मधुकर कुमार भगत ने हेल्थ सेक्टर में साइबर सुरक्षा के महत्व, खतरे और इनसे बचने की चुनौतियों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। साइबर सिक्योरिटी और इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी के बारे में उन्होंने कहा कि स्मार्ट ई-हेल्थ और ई-लर्निंग में हमें प्रत्येक साइबर हमलों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।
पीजीआई चंडीगढ़ के डाॅ. कमल किशोर ने बताया कि एआई हेल्थ केयर सेक्टर में उपयोगी सिद्ध हो रही है और भविष्य में इसको और अधिक उपयोगी किया जा सकता है। एआई प्लेटफार्म का उपयोग कर रिसर्च आर्टिकल भी लिखा जा सकता है। डाॅ. किशोर ने स्वास्थ्य क्षेत्र में चैट जीपीटी के लाभ गिनाए और बताया कि किस प्रकार यह हमारे अनुसंधान कार्यों को आसान बना रहा है।इससे पूर्व एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने ई-हेल्थ और ई-लर्निंग तकनीक अपनाने पर जोर दिया। कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में संस्थान इस दिशा में तेजी से योजनाओं को विकसित कर रहा है। सम्मेलन को देश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से आए कई विशेषज्ञों ने भी संबोधित किया। इस मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रो. सोम प्रकाश बासु, प्रो. रजनीश अरोड़ा, प्रो. शालिनी राव, प्रो. स्मृति अरोड़ा आदि मौजूद रहे।