Monday, November 10, 2025
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इस्राइल में 20 साल बाद दोहराई नेतन्याहू जैसी कहानी युद्धविराम से पहले बेन-ग्वीर के इस्तीफे पर सवाल

19 जनवरी को जैसे ही गाजा में हमास के साथ युद्धविराम समझौता लागू होने वाला था, इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-ग्वीर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन इसमें एक मजबूत समानता है जो करीब दो दशक पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरफ से किए गए इस्तीफे से मेल खाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘सिद्धांत के आधार पर इस्तीफा देकर, इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-ग्वीर नेतन्याहू की रणनीति का पालन कर रहे हैं, ताकि वे शक्ति बना सकें’।

युद्धविराम समझौता लागू होने के दौरान इस्तीफा
इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-ग्वीर की दक्षिणपंथी पार्टी ओत्जमा येहुदित ने रविवार सुबह सरकार से निकलने का फैसला ठीक उसी समय लिया, जब गाजा पट्टी में युद्धविराम समझौता लागू हो रहा था। अपने इस्तीफे के दौरान उन्होंने कहा कि उनके तीन कैबिनेट सदस्य – बेन-ग्वीर, विरासत मंत्री अमिचाई एलियाहू, और नेगेव, गैलिली और राष्ट्रीय लचीलापन मंत्री यित्जहाक वासरलॉफ ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इस्तीफा पत्र भेजे हैं।

20 साल पहले नेतन्याहू ने ऐसे ही दिया था इस्तीफा
साल 2005 में, बेंजमिन नेतन्याहू ने तत्कालीन एरियल शेरॉन की सरकार से इस्तीफा दिया था, जब गाजा से इस्राइली सैनिकों की वापसी योजना थी। नेतन्याहू ने तब कहा था, ‘गाजा इस्लामिक आतंकवाद का गढ़ बनता जा रहा है। हमास मजबूत हो रहा है और हमें यह लगता है कि हम बिना लड़ाई के भाग रहे हैं।’

गाजा से जुड़े फैसलों के विरोध में इस्तीफा
इसी तरह, बेन-ग्वीर ने इस बार कहा कि वर्तमान समझौता हमास के सामने ‘समर्पण’ है। पीएम बेंजमिन नेतन्याहू और बेन-ग्वीर दोनों ने गाजा से संबंधित फैसलों के विरोध में इस्तीफा दिया। नेतन्याहू ने एरियल शारोन के गाजा डिसइंगेजमेंट योजना के विरोध में इस्तीफा दिया, जबकि बेन-ग्वीर ने युद्धविराम और बंधकों के समझौते का विरोध किया।

बेन ग्वीर ने ऐसे की नेतन्याहू की नकल!
दोनों इस्तीफे ठीक उसी समय हुए, जब संबंधित नीतियों को मंजूरी दी जा रही थी। उस दौरान बेंजमिन नेतन्याहू ने इस्तीफा देने से पहले गाजा डिसइंगेजमेंट योजना के खिलाफ वोट किया था, जबकि बेन-ग्वीर ने कैबिनेट के बंधक समझौते को मंजूरी देने के बाद इस्तीफा दिया। बेन-ग्वीर का इस्तीफा, नेतन्याहू की तरह, एक रणनीतिक कदम था, जिससे वह दक्षिणपंथी वोटरों के बीच अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं।

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