Monday, November 10, 2025
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इंक्यूबेटेड 30 में से सात स्टार्टअप को मिली फंडिंग कृषि मंत्रालय के सहयोग से होगी रोजगार की खेती

उद्यमिता को बढ़ावा देकर प्रदेश में जॉब क्रिएटर तैयार करने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) काशीपुर लगातार प्रयासरत है। संस्थान का एफआईईडी इंक्यूबेशन सेंटर हर वर्ष स्टार्टअप, ग्रामीण क्षेत्रों में छिपे रोजगार के विकास की संभावनाएं, पहाड़ों में रोजगार के अवसरों की खोज व एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ने की राह दिखा रहा है। इसी के तहत संस्थान में चयनित 30 में से सात स्टार्टअप्स को 60 लाख रुपये की फंडिंग कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से प्राप्त हुई है।आईआईएम काशीपुर में 23 फरवरी को उत्तिष्ठ- 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश व प्रदेश के 100 से अधिक स्टार्टअप हिस्सा लेंगे। इसमें उत्तराखंड के स्टार्टअप का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रसिद्ध एंंटरप्रेन्योर सहित इंडस्ट्री एक्सपर्ट और अन्य स्टार्टअप विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। इस आयोजन के लिए संस्थान में तैयारियां शुरू हो गईं हैं। इस मौके पर संस्थान के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (एफआईईडी) सेंटर से इंक्यूबेटेड 30 स्टार्टअप में से सात को 60 लाख रुपये की फंडिंग के चेक दिए जाएंगे। इस फंडिंग के लिए सभी स्टार्टअप ने मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर और संस्थान की कमेटी के सामने प्रेजेंटेशन दिया था। सभी स्टार्टअप की वैल्यूएशन कर उन्हें लाखों का अनुदान प्राप्त हुआ है। इससे वह अपने स्टार्टअप्स को बड़े स्तर पर ले जा सकेंगे।

इन आइडिया पर तैयार हो रहे स्टार्टअप
प्रदेश के स्टार्टअप को बढ़ावा देने की आईआईएम की पहल सफल साबित हो रही है। संस्थान के सहयोग से कई स्टार्टअप उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं और दूसरों को रोजगार मुहैया करवा रहे हैं। इस बार इंक्यूबेटेड स्टार्टअप वेस्ट टू हेल्थ, एग्री टेक्नोलॉजी, प्रिसिजन फार्मिंग, फूड आदि पर आधारित हैं। उद्यमी चीड़ की सूखी पत्तियों व पराली से वुडन पार्टिकल्स, फूलों से सॉफ्टड्रिंक, मिलेट्स बेस्ड प्रोडक्ट्स को लेकर काम कर रहे हैं। इससे वह प्रदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ा रहे हैं।

इन स्टार्टअप को मिली 60 लाख की फंडिंग
आईआईएम काशीपुर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से पिछले पांच वर्षों से ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इससे अब तक 68 प्रदेश के कृषि स्टार्टअप स्थापित हो चुके हैं। बीते वर्ष के प्रोग्राम में 30 स्टार्टअप चयनित हुए थे, जिनमें से सात को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 60 लाख रुपये की फंडिंग प्रदान की गई है। इनमें सीड स्टेज स्टार्टअप में ओजस एनिमल फीड्स प्रालि. की संस्थापक डॉ. बीनू भदौरिया को 20 लाख रुपये, बर्फू एग्रीकल्चर इनीसिएटिव्स प्रालि. को 15 लाख रुपये का अनुदान मिला है। प्री सीड स्टेज स्टार्टअप में ऑनेइस प्रालि. के अनमोल पुंदीर, सुभाग हिमालयन रिसॉर्सेज ओपीसी प्रालि. की डॉ. प्रीति सिंह, इको नेक्सस इनोवेसंस की जैनब सिद्दीकी, स्वचल ऑटोमेशन प्रालि. की दीपक कोरंगा व रश्मि कोरंगा और माउंटेन मिलेट्स एलएलपी की डॉ. ज्योति नेगी को पांच-पांच लाख रुपये की फंडिंग मिली है। उत्तिष्ठ 2025 में 10 हजार लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। 100 से ज्यादा लोग अपने स्टार्टअप का प्रदर्शन करेंगे। क्षेत्र के जाने-माने उद्यमी सहित अन्य विशेषज्ञ स्टार्टअप और स्वयं सहायता समूहों के संचालकों का मार्गदर्शन करेंगे। प्रदेश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। ताकि जॉब क्रिएटरों की संख्या बढ़े। – राम कुमार, सीईओ, एफआईईडी, आईआईएम काशीपुर

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