Sunday, September 21, 2025
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सात दिन में नदी का जलस्तर क्यूसेक और गिरा लगातार सूख रही गौला नदी इस बार हलक सुखा देगी

हल्द्वानी में गौला नदी का जलस्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। बीती छह फरवरी को गौला का जलस्तर 113 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया था। सात दिन बाद बुधवार को जलस्तर सात क्यूसेक घटकर 106 पर पहुंच गया। इतना ही नहीं पिछले चार सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 12 फरवरी को गौला का जलस्तर इस तारीख को सबसे कम रहा है। इसी तरह नदी में पानी कम होता गया तो गर्मियों में शहर में भीषण पेयजल संकट गहरा सकता है।शहर की पेयजल आपूर्ति गौला नदी पर निर्भर है। इसके अलावा क्षेत्र की 12 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि की सिंचाई भी गौला नदी से होती है। वर्तमान में 30 क्यूसेक पेयजल के अलावा सिंचाई के लिए मात्र 76 क्यूसेक पानी मिल पा रहा है। नदी में पानी कम होने से जल संस्थान के ट्रीटमेंट प्लांट को भी पूरे प्रेशर से पानी नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से शहर के कई इलाकों में पेयजल वितरण व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।जल संस्थान के अधिशासी अभियंता आरएस लोशाली का कहना है कि फिलहाल ट्रीटमेंट प्लांट को पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। पेयजल आपूर्ति लड़खड़ाने पर अतिरिक्त टैंकरों का सहारा लिया जाएगा। इधर, गौला बैराज प्रभारी सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि गौला का जलस्तर बीते चार वर्षों में 12 फरवरी को सबसे कम रहा है। नदी का जलस्तर गिरता रहा तो दिक्कत हो सकती है।

भूजल स्तर गिरने पर नलकूपों की सप्लाई भी हो सकती है प्रभावित
पेयजल वितरण के लिए गौला के अलावा जल संस्थान नलकूपों पर निर्भर है। जिस तरह गौला का जलस्तर गिर रहा है। उसी तरह भूजल स्तर भी कम होने के आसार हैं। भूजल स्तर गिरा तो नलकूपों की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है। जल संस्थान के ईई आरएस लोशाली का कहना है कि अभी सभी नलकूप ठीक चल रहे हैं। कहीं दिक्कत आई तो भूजल स्तर का पता लगाया जाएगा।

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