गौला नदी के जलस्तर के आंकड़े सिकुड़ते जा रहे हैं। मंगलवार को सिर्फ 98 क्यूसेक पानी रह गया। पिछले वर्ष 25 फरवरी को यह जलस्तर 135 क्यूसेक था। चार वर्षों में भी इस तारीख का यह सबसे कम जलस्तर है।गौला में पानी कम होने से पेयजल और सिंचाई दोनों पर असर पड़ रहा है।सिंचाई विभाग के गौला बैराज प्रभारी सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि गौला में इस वर्ष छह फरवरी को 113 क्यूसेक पानी था, जो 19 दिन में 15 क्यूसेक गिरकर 98 क्यूसेक रह गया है। अभी तक 30 क्यूसेक पानी जल संस्थान के ट्रीटमेंट प्लांट पेयजल के लिए और 78 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए दिया जा रहा था। अब सिंचाई के लिए प्रतिदिन मात्र 68 क्यूसेक पानी मिल रहा है। इस वजह से नहरें भी सूख गई हैं। जल संस्थान के सहायक अभियंता पंकज उपाध्याय ने कहा कि नलकूपों की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। प्रेशर के साथ पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है। अनुमान है कि तीन मीटर तक भूजल स्तर में गिरावट आई है।
नलकूप भी दे रहे जवाब; संकट गहराया सूखती गौला ने और सिकोड़े आंकड़े जलस्तर घटकर रह गया 98 क्यूसेक
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