लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्प शूटर जितेंद्र उर्फ जीतू मेरठ के व्यापारी की हत्या करने आया था। लेकिन इससे पहले ही वह नोएडा एसटीएफ और मुंडाली थाना पुलिस से हुई मुठभेड़ में मारा गया। जितेंद्र ने नौ साल पहले जरायम की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह एक के बाद संगीन अपराध करता गया। डबल मर्डर में आजीवन कारावास समेत अन्य केस में उसे सजा मिली। वर्ष 2023 में पैरोल पर आया, मगर फरार हो गया। फरारी के दौरान वह लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गौदारा गैंग से जुड़कर सुपारी किलर बन गया।
नोएडा एसटीएफ के एएसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि लॉरेंस गैंग का शार्प शूटर मेरठ के किसी बड़े व्यापारी की हत्या करने आया है। शातिर बदमाश ने मुठभेड़ में घायल होने के बाद दम तोड़ दिया। इसके चलते वह किस व्यापारी की हत्या करने आया था, इसका पता नहीं चल पाया। आरोपी के फरार साथी की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। आरोपी से पूछताछ के बाद व्यापारी का नाम और हत्या करने का कारण स्पष्ट हो जाएगा। यह भी पता चलेगा कि आरोपी किसके इशारे या किससे सुपारी लेकर व्यापारी की हत्या करने वाला था।
सजायाफ्ता था शातिर जीतू
एसटीएफ के अनुसार जीतू उर्फ जितेंद्र ने वर्ष 2016 से अपराध की दुनिया में प्रवेश किया था। उसने हत्या, डकैती, लूट आदि संगीन अपराध किए। वर्ष 2016 में ही झज्जर में लूट की घटना की थी। उसने वर्ष 2016 में ही दिल्ली के थाना कंझवाला क्षेत्र में लूट की। इस घटना में भी वह वांछित चल रहा था। इस मामले में उसके विरुद्ध कोर्ट के आदेश पर कुर्की की कार्रवाई हुई थी। वर्ष 2016 में ही बहादुरगढ़, झज्जर में चोरी की घटना की थी। इस मामले में उसे न्यायालय ने 29 अगस्त 2018 को पांच साल की सजा सुनाई थी। 2016 में ही बहादुरगढ़, झज्जर में डकैती डाली। इस मामले में भी जीतू को कोर्ट से दस वर्ष की सजा हुई थी।
उम्रकैद के बाद पैरोल पर आकर हुआ फरार
जीतू ने वर्ष 2016 में ही बहादुरगढ़ झज्जर के ग्राम आसौंदा के सरपंच और उसके पिता की हत्या की थी। दोहरे हत्याकांड में जीतू उर्फ जितेन्द्र को कोर्ट ने 3 फरवरी 2018 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी अभियोग में वह 2023 में न्यायालय से पैरोल पर आया था, परन्तु यह पैरोल जम्प करके फरार हो गया था। फरारी के दौरान यह लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गौदारा गैंग के संपर्क में आकर सुपारी लेकर हत्या करने लगा। साथ ही वह लूट भी करता था। छह अप्रैल 2023 को रोहतक के कलानौर में कार लूटी थी। इस घटना में भी वह वांछित चल रहा था। हरियाणा के पुलिस महानिरीक्षक ने 19 जुलाई 2023 को इस पर पांच हजार का इनाम घोषित किया था।
प्रमोद कसाना हत्याकांड में हुआ था एक लाख का इनाम घोषित
पैरोल से फरारी के बाद लॉरेंस गैंग के संपर्क में आकर जीतू उर्फ जितेंद्र ने सुपारी लेकर 22 अक्तूबर 2023 को अपने साथियों के साथ मिल कर गाजियाबाद के थाना टीला मोड़ क्षेत्र के निवासी प्रमोद कसाना उर्फ लालू की छह गोलियां मार कर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में वह वांछित चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट गाजियाबाद ने 12 जुलाई 2024 को एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
पहले पत्नी को छोड़ा, फिर महिला मित्र को
एसटीएफ ने बताया कि आरोपी ने वर्ष 2016 में एक के बाद एक वारदात करने के बाद अपनी पत्नी को छोड़ दिया था। इसके बाद उसकी एक युवती से दोस्ती हो गई थी। लेकिन बाद में आरोपी ने महिला मित्र से भी दूरी बना ली थी।
बोले पिता, पैरोल पर पांच मिनट के लिए आया था घर
कुख्यात जीतू उर्फ जितेंद्र के मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना पाकर बुधवार देर शाम को उसके पिता ओमप्रकाश, छोटा भाई, बहन और अन्य परिजन शव लेने के लिए मेरठ पहुंचे। पिता ओमप्रकाश ने बताया कि दो साल पहले पैरोल पर वह घर आया था। घर पर मात्र पांच मिनट रुकने के बाद वह चला गया था, इसके बाद नहीं आया। ना ही परिजनों ने कोई सम्पर्क किया। आज उसकी मौत की खबर पुलिस से मिली। सीओ किठौर प्रमोद कुमार सिंह का कहना है कि परिजनों ने शहर के सूरजकुंड में जीतू का अंतिम संस्कार कर दिया। पोस्टमार्टम में जीतू के सीने में दो गोली लगने की जानकारी मिली है।
दो बार ऑस्ट्रेलिया में जीते थे मेडल, रोहतक में खोला था जिम
जितेंद्र उर्फ जीतू वेट लिफ्टर रह चुका है। उसने दो बार ऑस्ट्रेलिया में मेडल जीते थे। जीतू ने वर्ष 2016 में अपने ही गांव के सरपंच रामबीर और उनके पिता की हत्या कर दी थी। इसके बाद परिवार ने उसे बेदखल कर दिया था। जीतू के चाचा जयप्रकाश ने बताया कि उसे कई सालों से गांव में किसी ने नहीं देखा। जीतू की मौत का हमें दुख है, लेकिन जब उसने गांव में हत्या की, उसका भी हमें काफी दुख हुआ था। जीतू शादीशुदा था। उसका एक बेटा है। उसकी पत्नी और बच्चा रोहतक में ही रहते हैं।
चचेरा भाई भी डबल मर्डर में जेल में बंद
जीतू के चाचा के मुताबिक, उनका बेटा जतिन और जीतू गांव में ही साथ पले बढ़े हैं। जब जीतू ने रोहतक में जिम खोला तो जतिन भी उसके साथ चला गया था। जिस समय जीतू ने गांव में सरपंच रामबीर और उनके पिता की हत्या की तो उस दौरान उनका बेटा जतिन भी उसके साथ था। उसे भी सजा हो चुकी है। जतिन अब भौंडसी जेल में बंद है। जतिन कभी पैरोल पर आता है तो वे उससे हत्या करने का कारण जानने की कोशिश करते हैं तो वह कहता है कि बस हो गया, मत पूछो।