देहरादून: परिवहन विभाग साल 2024-25 वित्तीय वर्ष खत्म होने पहले टैक्स बकायादारों से टैक्स वसूलने का काम काफी तेजी से कर रहा है. लेकिन जब परिवहन विभाग ने टैक्स बकायेदारों की खोजबीन शुरू की तो पता चला कि 400 वाहन स्वामी गायब हो गए और विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लग गया.
परिवहन विभाग बना रहा सूची: अब परिवहन विभाग मुख्यालय में सभी बकायेदारों की रिपोर्ट भेजने वाला है. इस रकम को अब डंप में डालने की तैयारी की जाएगी. बता दें कि परिवहन विभाग को वाहन के पंजीकरण, नवीनीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस फीस, फिटनेस और ग्रीन सेस आदि के रूप में राजस्व मिलता है. इस राजस्व से कर्मचारियों के वेतन देने के साथ ही सड़क सुरक्षा कार्य भी कराए जाते हैं. साथ ही व्यावसायिक यात्री और भारी वाहनों पर तिमाही टैक्स भी वसूला जाता है. सबसे अधिक टैक्स की चोरी भी व्यावसायिक वाहन स्वामी ही करते हैं.
10 हजार वाहन स्वामी बड़े बकायेदार: वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में बकाया टैक्स वसूली के लिए अभियान चलाया जाता है. ऐसे में देहरादून आरटीओ कार्यालय में भी इन दोनों बकायेदारों के पते तलाशे जा रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरू में करीब 22 हजार वाहन स्वामी टैक्स के बकायदार थे, जिन पर करीब 69 करोड़ रुपए टैक्स बकाया था. 11 महीनों में की गई टैक्स वसूली की कार्रवाई में 12 हजार वाहन स्वामियों से करीब 08 करोड़ रुपए टैक्स वसूली की गई है. वर्तमान में 10 हजार वाहन स्वामी बड़े बकायादार रह गए हैं, जिन पर 61 करोड़ रुपए टैक्स बकाया है. इनमें भी 100 बड़े बकायेदारों की सूची आरटीओ कार्यालय के बाहर चस्पा की गई है.
400 वाहन स्वामियों का कुछ नहीं पता जिस तरह से परिवहन विभाग बकायेदारों से टैक्स वसूली का काम कर रहा है, तो वहीं 400 वाहन स्वामी ऐसे हैं, जिन पर करीब 11 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है. इनकी परिवहन विभाग ने टैक्स बकाया वसूली को लेकर रिकवरी सर्टिफिकेट यानी आरसी काटी थी, लेकिन आरसी परिवहन विभाग के पास वापस आ गई है. क्योंकि वहां पंजीकरण के लिए निवास स्थान का जो पता परिवहन विभाग में दर्ज कराया गया था, अब वहां वाहन स्वामी रहता ही नहीं है. यानि टैक्स चोरी के लिए लोगों ने अपने वाहनों के पंजीकरण गलत पते पर कराए हुए थे या फिर बकायेदार की मृत्यु हो चुकी है. अब परिवहन विभाग के कर्मचारी उनकी तलाश में भटक रहे हैं. आरटीओ का कहना है कि 400 बकायेदार ऐसे हैं, जिन पर 20 से 25 सालों से टैक्स बकाया चल रहा है. इन सभी की आरसी काटी गई थी लेकिन यह आरसी वापस आ गई है और जो पते वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र पर दर्ज हैं, जांच में पता चला कि वाहन स्वामी अब वहां रहते ही नहीं हैं. मोबाइल नंबर तक बदल चुके हैं. साथ ही बताया है कि इन सब की रिपोर्ट तैयार कर परिवहन मुख्यालय में भेजी जाएगी.