रुद्रपुर। विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) ने नशीले इंजेक्शनों के साथ पकड़े गए दोषी को 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उस पर एक लाख 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। अदालत ने एक आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।बीते 28 जून 2022 को एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट अपनी टीम के साथ गश्त करते हुए ट्रांजिट कैंप के शिवनगर तिराहे पर पहुंचे थे। वहां पर बाइक के साथ खड़े युवक के पास लोगों की भीड़ एकत्र थी। पुलिस का सरकारी वाहन देख भीड़ इधर-उधर हो गई। पुलिस को देखकर युवक बाइक स्टार्ट कर भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने आवश्यक बल का प्रयोग कर उसे पकड़ लिया। उसने अपना नाम सूरज वैद्य निवासी आई ब्लाॅक वार्ड नंबर तीन ट्रांजिट कैंप बताया।
तलाशी लेने पर उसके पास मौजूद थैले में 155 प्रतिबंधित इंजेक्शन बरामद हुए। वह इंजेक्शन सुरजीत निवासी नारायण काॅलोनी वार्ड दो से खरीदकर लाता है।पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर सूरज को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने कुछ महीने बाद सुरजीत को भी गिरफ्तार किया था। यह मुकदमा विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट)/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्र की अदालत में चला था। इसमें गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर सूरज पर दोष सिद्ध हो गया। सुरजीत पर दोष साबित नहीं हो सका। अदालत ने सूरज को सजा सुनाई जबकि सुरजीत को दोषमुक्त करने का आदेश दिए।
अदालत ने चेक बाउंस के आरोपी को किया दोषमुक्त
काशीपुर। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने चेक बाउंस के आरोपी सत्यधाम सामाजिक सेवा संस्था के एमडी को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। मुरादाबाद के भोजपुर निवासी अजब सिंह ने अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया था। इसमें कहा कि संस्था का मुख्यालय जसपुर खुर्द विशाल नगर में है। संस्था के एमडी महेंद्र यादव ने उसको भोजपुर में खोली गई ब्रांच में मैनेजर बनाया था। इस दौरान उसको भरोसा दिया कि जितनी धनराशि जमा करोगे, एक वर्ष में संस्था उसकी दोगुनी धनराशि अदा करेगी। संस्था के एमडी की बातों में आकर परिवादी ने लोगों से 51 लाख रुपये जमा कराए थे, बाद में वह रुपये देने से मुकर गया। तकादा करने पर आरोपी ने उसे वर्ष 2019 में चार लाख रुपये के चेक दिया था। जब उसने बैंक एकाउंट में चेक लगाया तो वह बाउंस हो गया। अदालत ने आरोपी महेंद्र यादव को तलब किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीत कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद एमडी महेंद्र यादव को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।