किशोरी के अपहरण और उसके साथ विवाह करने के आरोपी को दोषी पाते हुए स्पेशल फास्ट ट्रैक जज पंकज तोमर की कोर्ट ने चार साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसमें 50 हजार रुपये पीड़िता को अदा करने के आदेश न्यायालय ने दिए हैं। दोषी को दो मुकदमों में सजाएं सुनाई गई हैं।पहला मुकदमा न्यायालय के आदेश पर 18 मार्च 2017 को पटेलनगर थाने में दर्ज किया गया था। एक महिला ने न्यायालय को बताया था कि उनकी नाबालिग बेटी को रिश्तेदारी का एक युवक परेशान करता है। उसे बदनाम करने की धमकी देता है। स्कूल से आते जाते वक्त उसके साथ छेड़खानी करता है। वर्ष 2016 में एक दिन आरोपी युवक उनकी बेटी को अपने साथ ले गया और उसके साथ जबरदस्ती शादी कर ली। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने छेड़खानी, धमकी देने और बाल विवाह अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने सभी धाराओं में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।
ट्रायल के दौरान मुकदमे में अभियोजन ने कुल नौ गवाह पेश किए। लेकिन, आरोपी पर छेड़खानी और धमकी देने का दोष सिद्ध नहीं हो पाया। ऐसे में कोर्ट ने उसे बाल विवाह अधिनियम में एक वर्ष की कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसमें से 30 हजार रुपये पीड़िता को देने होंगे।न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार यह मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी पीड़िता को उसके घर छोड़ गया था। इसके बाद चार अक्तूबर 2017 को खुद पीड़िता ने पटेलनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि उसकी भाभी का भाई उसे अपने साथ ले गया था। आरोप था कि उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट के साथ अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। इस मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल 11 गवाह पेश किए गए। इनके आधार पर कोर्ट ने आरोपी को केवल अपहरण का दोषी पाया और उसे चार वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर अलग-अलग धाराओं में 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माने की यह राशि उसे पीड़िता को ही देनी होगी।