ऊधमसिंह नगर जिले में भ्रष्टाचार के आरोप में सरकारी मुलाजिम के पकड़े जाने का यह पहला मामला नहीं है। एक साल के भीतर तीन अधिकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इससे पहले विजिलेंस की टीम दरोगा, लिपिक, एमआई और एक आबकारी इंस्पेक्टर को पकड़ चुकी है।30 जनवरी 2024 को बिजली चोरी की शिकायत में केलाखेड़ा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर मोहन सिंह बोरा को चार हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस टीम ने पकड़ा था। 25 अप्रैल 2024 को विजिलेंस टीम ने मंडी समिति परिसर स्थित खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता कार्यालय में विपणन अधिकारी चंद्रमोहन टोलिया को धान की कुटाई, ढुलाई और सफाई के बिल भुगतान के एवज में एक राइस मिल संचालक से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। 11 मार्च 2025 को विजिलेंस टीम ने तहसील में रजिस्ट्रार कानूनगो मोहन सिंह को साढ़े तीन हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
दो ईओ भी आए थे शिकंजे में
दो जून 2022 को नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी में तैनात लिपिक देवनाथ मिश्रा को विजिलेंस टीम ने 26 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। वर्ष 2008-09 में केलाखेड़ा नगर पंचायत के तत्कालीन ईओ संजीव कुमार, वर्ष 1993-94 में नगर पालिका बाजपुर के तत्कालीन ईओ हरीश को विजिलेंस टीम रिश्वत लेते पकड़ चुकी है। चीनी मिल में एक आबकारी अधिकारी को भी विजिलेंस टीम ने पकड़ा था।