Sunday, September 21, 2025
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जेल में कुलाधिपति जेएस यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा पीएचडी की फर्जी डिग्री से बने प्रोफेसर जांच शुरू

राजस्थान में जेएस यूनिवर्सिटी की बीपीएड की फर्जी डिग्रियां पकड़े जाने के बाद आगरा में भी विवि की पीएचडी की फर्जी डिग्री पकड़ी गईं। ऐसे में जिला प्रशासन को विवि की ओर से जारी पीएचडी की डिग्रियों के फर्जी होने का संदेह गहराने लगा है। इस वजह से पीएचडी की डिग्रियों की जांच की तैयारी शुरू कर गई है।फर्जी डिग्री मामले में यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. सुकेश यादव को एसओजी राजस्थान की टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। मामले में रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा को शिकोहाबाद से पकड़ा गया था।

दोनों आरोपियों को जयपुर के दलाल अजय भारद्वाज समेत जेल भेजा जा चुका है। अब फिरोजाबाद जिला प्रशासन भी शासन के निर्देश के बाद यूनिवर्सिटी की भूमि, बिल्डिंग एवं विकास प्राधिकरण से पूरा नक्शा पास कराए जाने को लेकर जांच कराई जा रही है। आगरा एसटीएफ की टीम ने भी आगरा से जेएस यूनिवर्सिटी की पीएचडी की फर्जी डिग्री बरामद की। प्रशासनिक अधिकारियों को संदेह है कि यूनिवर्सिटी से बड़े पैमाने पर पीएचडी की डिग्रियां बांटी गई होंगी। यह भी शक है कि यूनिवर्सिटी की ओर से कई अन्य कोर्सेज की फर्जी डिग्रियां जारी की गई होंगी। इनमें पॉलीटेक्निक, बीटेक, डी-फार्मा, बीपीएड समेत अन्य कई कोर्स शामिल हैं।

असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती में भी गड़बड़ी की आशंका
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा चयन आयोग ने पूर्व में प्रदेश भर में 1600 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती निकाली थी। इसमें भी यूनिवर्सिटी की पीएचडी की फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल कर अभ्यर्थियों की ओर से सरकारी नौकरी प्राप्त करने की आंशका है। इसकी जांच के लिए आगरा एसटीएफ की टीम कवायद में जुटी है।

शिकोहाबाद एवं मैनपुरी से जुड़ सकते हैं तार
सूत्र बताते हैं कि प्रदेश में निकाली गई असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्तियों में ही नहीं बल्कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में भी सरकारी मानकों एवं नियमों की जमकर अनदेखी की गई है। आशंका है कि बिजनौर, आजमगढ़, लखनऊ, कानपुर, आगरा समेत कई बड़े शहर ऐसे हैं, जिनमें आज भी लोग फर्जी डिग्रियों के आधार पर नौकरियां कर रहे हैं। इनके कनेक्शन शिकोहाबाद एवं मैनपुरी के एक व्यक्ति से होने की आशंका है। जांच टीम इस एंगल पर भी जांच करने की तैयारी कर रही है। फिरोजाबाद के जिलाधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि जेएस यूनिवर्सिटी की पीएचडी की डिग्री का मामला संज्ञान में आया है। यूनिवर्सिटी बंद थी। धीरे-धीरे अन्य विभागों से भी छात्र शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। कई अन्य कोर्सों के छात्र भी शिकायत लेकर आ रहे हैं। पीएचडी का मामला फिलहाल जांच में शामिल किया गया है। उसकी जांच शुरू हो गई है।

जेएस यूनिवर्सिटी पहुंची आगरा एसटीएफ की टीम, खंगाले अभिलेख
आगरा में पीएचडी की डिग्री पकड़े जाने के बाद आगरा से स्पेशल टास्क फोर्स की टीम जेएस यूनिवर्सिटी पहुंची। जहां टीम ने पीएचडी समेत अन्य कोर्सेस से संबंधित अभिलेखों की जांच की। जिसके बाद टीम आगरा के लिए रवाना हो गई। आगरा में दो दिन पूर्व शाहगंज क्षेत्र के अजीतनगर मार्केट से आरोपी धनेश मिश्रा को एसटीएफ की टीम ने पकड़ा था। जिसके पास से जेएस यूनिवर्सिटी की डिग्री के अलावा अन्य यूनिवर्सिटी की कई डिग्रियां बरामद हुई थीं। जोकि ई-मेल करके यूनिवर्सिटी से डिग्री मंगवाता था, वह डिग्रियां कोरियर के माध्यम से आती थीं। सूत्रों के अनुसार इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मामले की जांच के लिए शनिवार को एसटीएफ आगरा की टीम इंस्पेक्टर हुकुम सिंह के साथ दोपहर दो बजे करीब जेएस यूनिवर्सिटी पहुंची। जहां टीम ने आकर अन्य कई कोर्सेस के अभिलेखों की जांच की है। इसके बाद टीम आगरा के लिए रवाना हो गई। टीम इस मामले में अभी अन्य पहलुओं की जांच भी कर रही है।

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