नगर निगम देहरादून और उत्तराखंड पॉवर कार्पोरेशन के बीच बिजली बिल और संपत्ति कर को लेकर विवाद हो गया। नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का कर जमा करने के लिए अंतिम नोटिस जारी किया तो यूपीसीएल ने पिछले कई महीनों से बिल जमा ना करने पर नगर निगम की स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन काटने शुरू कर दिए।मामला दोनों विभागों के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा तो अधिकारियों की वार्ता हुई। मामले में नगर निगम ने दो दिन का समय मांगा है। इसमें दोनों विभागों के अधिकारी बैठकर मामले का पटाक्षेप कराएंगे।
फिलहाल काटे गए कनेक्शनों को दोबारा जोड़ दिया गया है।वित्तीय वर्ष का अंतिम माह चल रहा है। इसके चलते नगर निगम विभागों ने अपना कर वसूल रहा है। विभागों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। इसी कड़ी में नगर निगम ने करीब दो करोड़ रुपये का बिल बिजली विभाग को भेजा है। यूपीसीएल का भी नगर निगम में कई महीनों का बिल बकाया है, जो करीब ढाई करोड़ रुपये के करीब है। नगर निगम की ओर से कर जमा करने का दबाव बनाने पर यूपीसीएल ने भी बिजली बिल जमा ना करने पर सोमवार को बिजली कनेक्शन काट दिए। बताया जाता है कि डालनवाला और न्यू कैंट क्षेत्र के करीब 50 कनेक्शन इस दौरान काटे गए थे।
देहरादून में हैं करीब 2200 कनेक्शन
नगर निगम ने पथ प्रकाश व्यवस्था को लेकर करीब 2200 कनेक्शन ले रखे हैं। इनका करीब एक करोड़ रुपये बिल आता है। देहरादून शहर को पांच डिवीजनों में बांटा गया है। ऐसे में हर डिवीजन का अलग-अलग बिल है। विद्युत कनेक्शन काटने की शुरूआत केंद्रीय डिवीजन ने की है। एक्सईएन केंद्रीय डिवीजन के अनुसार 80 लाख रुपये हमारा नगर निगम पर बकाया है, जबकि करीब 40 लाख रुपये का नोटिस कर जमा करने के लिए नगर निगम ने भेजा है।
एसई -राहुल जैन ने कहा किजो भी बिल हमें प्राप्त हो रहे हैं विभाग उन बिलों को देने को तैयार है, लेकिन चार साल का बिल एक साथ दिया गया और उसमें सरचार्ज भी जोड़ा गया है, यह ठीक नहीं। देहरादून नगर निगम बिजली बिल जमा करने के मामले में अच्छा निगम है, लेकिन इस बार बिल रुके हैं। बहरहाल आपसी समन्वय के आधार पर इस मामले का पटाक्षेप किया जाएगा।महापौर सौरभ थपलियाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जो भी दिक्कत सामने आई है। उसके संबंध में नगर निगम और यूपीसीएल के अधिकारियों को एक पटल पर लाकर इसका समाधान कराया जाएगा। यदि कर का बिल गलत है तो उसे भी ठीक कराया जाएगा।