हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज में बदहाली का खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। पर्याप्त फर्नीचर नहीं होने से उन्हें मजबूरी में उपस्थिति लगाकर कक्षाएं छोड़नी पड़ रही हैं। कक्षाओं में पंखे खराब होने से गर्मी में बैठने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार करने की मांग की है।एक अप्रैल से शासन की ओर कॉलेजों में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य करने के बाद अमर उजाला ने बुधवार को एमबीपीजी में शिक्षण व्यवस्था की पड़ताल की। कॉलेज में 13500 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि उपस्थिति की नयी व्यवस्था के बाद कक्षाओं में जगह नहीं मिल पा रही है। पीछे बैठे छात्र-छात्राओं को लेक्चर सुनाई तक नहीं दे रहा है। विद्यार्थियों ने प्रत्येक कक्षा-कक्ष में स्पीकर और माइक की व्यवस्था करने की मांग की है। बीएससी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा निष्ठा त्रिपाठी का कहना है कि सेक्शन बनाकर पढ़ाई होनी चाहिए, क्योंकि बैठने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। मनीषा का कहना है कि एक ही प्राध्यापक 200 से 250 छात्र-छात्राओं को कैसे पढ़ाएगा, इसलिए प्राध्यापकों की संख्या बढ़ानी चाहिए।
धूल से भरी कक्षाएं और सीलिंग भी टूटी
छात्र नेता उमाशंकर का कहना है कि लंबे समय से कॉलेज में स्वच्छक को तैनात करने की मांग कर रहे हैं फिर भी नियुक्ति नहीं की जा रही है। गर्मी के मौसम के हवा चलने से धूल कक्षा में जमा हो रही है। सफाई नहीं होने से छात्र-छात्राएं धूल से भरी कक्षाओं में बैठने को मजबूर हैं। वहीं, महाविद्यालय में बीएससी की कक्षाओं की सीलिंग टूटी पड़ी है। इस कारण टिन तपने से कमरा गर्म हो रहा और विद्यार्थियों का कक्षा में बैठना मुश्किल हो रहा है। लंबे समय से यही स्थितियां बनी हुई है। कुछ कक्षाओं में पंखे खराब होने से गर्मी में बैठने में दिक्कत हो रही है।
बोले छात्र-छात्राएं
महाविद्यालय की कक्षाओं में बैठने के लिए जगह नहीं मिल पाती है। जगह मिल भी जाती है तो कमरे के आखिरी छोर पर आवाज नहीं आ पाती है। छात्रों की सुविधा के लिए माइक और स्पीकर की व्यवस्था होनी चाहिए। पिहू, बीएससी
महाविद्यालय में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं है, इससे छात्र-छात्राओं को दिक्कतें हो रही हैं। प्रत्येक कक्षा कक्ष में नियमित सफाई व्यवस्था होनी चाहिए। खराब पंखों के स्थान पर नए पंखे लगने चाहिए। – गौरव सिंह, बीकाम
महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को अध्ययन कार्य में दिक्कत न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। टूटी छत को ठीक करने के लिए जल्द प्रस्ताव बनाया जाएगा। सफाई व्यवस्था को भी जल्द दुरुस्त किया जाएगा। – प्रो. एनएस बनकोटी, प्राचार्य एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी