बलवा कर सरकारी कार्य में बाधा डालने और लोकसेवक के साथ मारपीट के सात अभियुक्तों को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बर्मन की अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त किया है। सभी आरोपी जमानत पर रिहा थे। 5 फरवरी 2018 को श्यामपुर चौकी में तैनात सिपाही धर्मवीर ने कोतवाली ऋषिकेश में शिकायत दर्ज कराई थी। धर्मवीर ने बताया था कि 4 फरवरी 2018 रात करीब साढ़े 11 बजे उसे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि गुमानीवाला में देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है। जब वह अपने एक अन्य सहकर्मी के साथ उक्त स्थल पर पहुंचे तो देखा कि शादी समारोह के चलते डीजे बजाया जा रहा था।आयोजकों को डीजे बंद करने के लिए कहा तो उन्होंने डीजे बंद कर दिया। लेकिन पुलिस के वहां से लौटते ही फिर डीजे बजाना शुरू कर दिया। जब वह दोबारा पहुंचे और डीजे बंद करने के लिए कहा कि तो कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दी।
जिस पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया जबकि कुछ लोग भाग गए। मारपीट करने वालों की पहचान कृष्ण पाल, राजीव तिवारी, मनोज थापा, अमरदीप, अजय प्रताप चौहान, मुकेश चौहान और संदीप चौहान के रूप में हुई। सभी के खिलाफ बलवा, सरकारी कार्य में बाधा डालने व लोकसेवक के साथ मारपीट के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।11 अक्तूबर 2018 को पुलिस ने मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दायर किए थे। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बर्मन की अदालत ने फैसला सुनाया। अदालत ने सातों अभियुक्तों को संतोषजनक साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त करार दिया।