झनकट। भवन के दरवाजे, खिड़कियां और मुख्य हॉल खस्ताहाल हैं। इसके चलते अब इस भवन का उपयोग पंचायत कार्यों के लिए नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक समय था, जब पंचायत भवन में निकाय की बैठकें और अधिकारियों के साथ विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा यहीं की जाती थी, लेकिन अब खस्ताहाल भवन में बैठना खतरे से खाली नहीं है। देवरी गांव स्थित पंचायत भवन बेहद जर्जर हो चुका है। कभी गांव की बैठकों और योजनाओं का केंद्र रहना वाला पंचायत भवन अब बस खंडहर बनकर रह गया है।
ग्रामीणों ने कहा कि कई बार वीडीओ और जनप्रतिनिधियों को इसके बारे में अवगत कराया गया लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने पंचायत भवन की मरम्मत कर इसे फिर से उपयोगी बनाए जाने की मांग की। यशोदा कोटिया ने कहा कि यह भवन क्षेत्र की जरूरत है और इसकी मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर की जानी चाहिए। ग्रामीण धीरज गहतोड़ी ने कहा कि गांव में कोई स्थायी स्थान नहीं है जहां बैठकर गांव के विकास के लिए बैठक व चर्चा की जा सके। पंचायत भवन यदि ठीक हो जाए तो विकास के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकते हैं। वहीं दयाकिशन राना ने कहा कि पंचायत घर की हालत कई सालों से खराब है। कई बार अधिकारियों को इससे अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।







