खराब मौसम ने मैदान से लेकर पहाड़ तक खूब असर दिखाया है। चकराता क्षेत्र में ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं, पछवादून में गेहूं की कटाई में लगे किसानां की चिंता बढ़ गई है। किसानों ने प्रशासन से नुकसान का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। उधर, पहाड़ी इलाकों में तापमान गिरने से लोगों को एक बार फिर से गर्म कपड़े निकालने पड़ गए हैं। जौनसार बावर में शुक्रवार रात से शुरू हुई बारिश शनिवार को दोपहर तक जारी रही। चकराता तहसील के ग्राम जाड़ी, सुई, कचानू, मुंडोई, लोखंडी, देवबन, मुंडाली, लोहारी, धारनाधार, बनियाना, इंद्रोली, कंदाड़ और कोटी कनासर में ओलावृष्टि हुई। इससे किसानों की मटर, बींस, गोभी, शिमला मिर्च, टमाटर की फसल बरबाद हो गई।
किसान कलम सिंह चौहान, सुल्तान सिंह, मेजर सिंह, रघुवीर सिंह, नरेंद्र चौहान, रतन सिंह, रोहन राणा, शेर सिंह, कुंदन सिंह, केशर सिंह, जयपाल सिंह, फतेह सिंह, मस्तराम आदि ने बताया कि खेतों में तैयार हो रही फसल पूरी तरह खराब हो गई है। किसानों के सामने संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने बताया कि किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। कई किसान कर्ज लेकर खेती किए थे। सबसे अधिक चिंता उन्हें सता रही है। नायब तहसीलदार मनोहर लाल अंजुवाल ने बताया कि संबंधित क्षेत्रीय उपनिरीक्षकों को मौसम से हुए नुकसान का आकलन करने और उसकी रिपोर्ट बनाकर भेजने को कहा गया है। साहिया क्षेत्र में रुक-रुककर बारिश से तापमान में भारी गिरावट हुई है। ठंड के बढ़ जाने से एक बार फिर से लोगों को सर्दी का एहसास होने लगा है। शनिवार को क्षेत्र के बाजार में लोग गर्म कपड़े पहनकर घूमते नजर आए।