Wednesday, November 5, 2025
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अप्रैल में होती है पूजा-अर्चना कुकी संगठनों ने मैतेई को थांगजिंग पहाड़ी पर नहीं जाने की दी चेतावनी

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में स्थित पवित्र थांगजिंग पहाड़ी पर चढ़ने को लेकर कुकी-जो समुदाय के नागरिक संगठनों ने मैतेई समुदाय को चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी भी कोशिश का पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा। मैतेई संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए इसे असांविधानिक करार दिया है। बता दें कि थांगजिंग पहाड़ी को मैतेई समुदाय एक पवित्र स्थल मानते हैं और यहां वे अप्रैल महीने में पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं। कुकी-जो समुदाय के संगठनों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, जो भी व्यक्ति इस बफर जोन को पार करने की कोशिश करेगा, उसे कुकी-जो समुदाय के लिए सीधी चुनौती माना जाएगा। इस दौरान होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए पूरी जिम्मेदारी मैतेई समुदाय की होगी। चूंकि भारत सरकार और कुकी-जो समुदाय के बीच अभी तक कोई राजनीतिक समझौता नहीं हुआ है, इसलिए बिना किसी सहमति के मैतेई समुदाय को कुकी-जो भूमि में प्रवेश करने का कोई अधिकार नहीं है। जानकारी के मुताबिक मैतेई समुदाय अप्रैल महीने में थांगजिंग पहाड़ी पर चिंगा काबा के लिए बनाए गए बफर जोन को पार करने की योजना बना रहा है।

मैतेई संगठन ने की निंदा कहा- असांविधानिक
मैतेई हैरिटेज वेलफेयर फाउंडेशन ने कुकी समुदाय के छह नागरिक संगठनों द्वारा जारी संयुक्त बयान की कड़ी निंदा की है। फाउंडेशन ने इसे असांविधानिक बताते हुए कहा कि यह कुछ वैसा ही है, जैसे हिंदुओं को कैलाश पर्वत या मुसलमानों को मक्का जाने से रोका जाए। फाउंडेशन ने स्पष्ट किया कि इबुधोउ थांगजिंग की यात्रा मैतेई समुदाय की सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा है, जिसे बाधित नहीं किया जाना चाहिए। यह क्षेत्र हर साल मैतेई समुदाय की धार्मिक यात्रा का हिस्सा होता है। उल्लेखनीय है कि यह बफर जोन है, जो सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी में है, मैतेई नियंत्रित इंफाल घाटी और कुकी-बहुल पहाड़ी जिलों के बीच स्थित है।

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