Sunday, September 21, 2025
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ऑटो चालक की बेटी का भी पूरा हुआ सपना आयुष राणा ने 99.4% अंक किए हासिल

देहरादून: रेल टेल कॉर्पोरेशन से वित्त पोषित ऑर्गेनाइजेशन जेईई मेंस परीक्षा परिणाम में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. इसके वर्तमान बैच मे 30 छात्रों में से 27 छात्रों ने जेईई मेंस परीक्षा उत्तीर्ण की है. इस परीक्षा में ऑटो चालक की बेटी ईशा ने जेईई मेंस की परीक्षा को क्वालीफाई किया है. इस ऑर्गेनाइजेशन में अधिकतर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं.रेल टेल कॉर्पोरेशन की तरफ से वित्तीय सहायता प्राप्त इस ऑर्गेनाइजेशन को साल 2015 में देहरादून में शुरू किया गया है. यह इसका दसवां बैच है. हर साल सिर्फ 30 बच्चे ही सेलेक्ट किए जाते हैं. संस्थान के शिक्षक दीपक बिनवाल ने बताया कि अभी तक 270 बच्चे क्वालीफाई करके इस संस्थान से जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि रेल टेल की तरफ से यह संस्थान अब तक 300 छात्रों को शिक्षा दे चुका है, जिसमें वर्तमान बैच के छात्र भी शामिल हैं.

आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निशुल्क कोचिंग आवास, भोजन की व्यवस्था की जाती रही है. इसके अलावा छात्रों का चयन पूरे उत्तराखंड से किया जाता रहा है. जिसमें प्राथमिकता दी जाती रही है, जिसकी वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम है. शिक्षकों का कहना है कि इस बार जेईई मेंस की परीक्षा में रुद्रप्रयाग के कालीमठ के रहने वाले 18 वर्षीय आयुष राणा ने 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं, जबकि रुड़की के रहने वाले अभिनव सैनी ने 99.1 फीसदी अंक हासिल करके संस्थान का नाम रोशन किया है. इसके बाद यह बच्चे 18 मई को होने जा रहे जेईई एडवांस का एग्जाम देंगे. उसके बाद एडवांस का रिजल्ट आने के बाद यह बच्चे आईआईटी जाएंगे. इस एग्जाम को क्वालीफाई करने वाली ईशा डोलियान भी है, जिसके पिता ऑटो चालक हैं. ईशा डोलियान ने 83.2 % से यह परीक्षा पास की.

आयुष राणा ने कहा कि उनकी 12वीं तक की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय रुद्रप्रयाग में हुई और वह उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कालीमठ के रहने वाले हैं. उनके पिता गांव में पूजा सामग्री की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं. हर साल उनके विद्यालय में सीएसआरएल की ओर से चयन परीक्षा का आयोजन किया जाता रहा है. इसके माध्यम से उन्हें भी इस प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ने का मौका मिला. यहां आने के बाद उन्हें अध्ययन के लिए एक अनुकूल और प्रेरणादायक माहौल मिला. शुरू से ही यहां के शिक्षकों और स्टाफ की तरफ से उन्हें सहयोग और प्रोत्साहन मिलता रहा. इससे उनके लक्ष्य की प्राप्ति और आसान हुई. तमाम बच्चों की सफलता पर शिक्षक दीपक बिनवाल और संस्थान का सारा स्टाफ उत्साहित है.

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