Friday, November 7, 2025
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350000 वेनेजुएला प्रवासियों से वापस ली जाए कानूनी सुरक्षा ट्रंप प्रशासन की सुप्रीम कोर्ट से अपील

ट्रंप प्रशासन ने बृहस्पतिवार (स्थानीय समयानुसार) को सुप्रीम कोर्ट से 350,000 वेनेजुएला प्रवासियों से अस्थायी कानूनी सुरक्षा (TPS) वापस लेने की अपील की। यदि ऐसा होता है तो वेनेजुएला प्रवासियों को अमेरिका से उनके देश वापस भेजा जा सकता है। न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट से सैन फ्रांसिस्को के एक संघीय न्यायाधीश के उस फैसले को स्थगति करने की अपील की, जिसमें वेनेजुएला के लोगों के लिए अस्थायी कानूनी सुरक्षा को बरकरार रखने के लिए कहा गया था। वेनेजुएला के लोगों को दी गई अस्थायी कानूनी सुरक्षा पिछले महीने समाप्त होनी थी। अस्थायी कानूनी सुरक्षा पहले से ही अमेरिका में रहने वाले लोगों को कानूनी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देती है, क्योंकि उनके मूल देश प्राकृतिक आपदा या नागरिक संघर्ष के कारण वापसी के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं। इससे पहले, एक संघीय अदालत ने ट्रंप प्रशासन की इस अपील को खारिज कर दिया था।

ट्रंप प्रशासन पहले भी सुरक्षा वापस लेने की कर चुका कोशिश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन का प्रशासन विभिन्न सुरक्षा वापस लेने के लिए पहले भी कोशिश कर चुका है, जो प्रवासियों को देश में रहने की अनुमति देते हैं। इनमें 600,000 वेनेजुएला और 500,000 हैती लोगों के लिए टीपीएस को समाप्त करना शामिल है। हाईकोर्ट में आपातकालीन अपील उसी दिन की गई, जिस दिन टेक्सास के एक संघीय न्यायाधीश ने 18वीं सदी के युद्धकालीन कानून के तहत वेनेजुएला के लोगों को निर्वासित करने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों को अवैध करार दिया। हालांकि, ये मामले आपस में जुड़े हुए नहीं हैं।

सात अप्रैल को समाप्त होनी थी टीपीएस की अवधि
बता दें कि वेनेजुएला के लोगों को अमेरिका में रहने के लिए टीपीएस मिला हुआ है, ये अवधि 7 अप्रैल को समाप्त होनी थी, लेकिन अमेरिकी जिला न्यायाधीश एडवर्ड चेन ने कहा कि अगर ये स्थिति हटा दी गई, तो लाखों लोगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ेगा और इससे अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसलिए उन्होंने सरकार की योजना को रोक दिया। न्यायाधीश चेन ने यह भी कहा कि सरकार ने यह साबित नहीं किया कि इस कार्यक्रम को जारी रखने से उसे कोई नुकसान होगा। हालांकि, सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने कहा कि न्यायाधीश का फैसला सरकार के अप्रवासन और विदेशी मामलों पर अधिकार में हस्तक्षेप करता है। सॉयर ने न्यायाधीशों को यह भी बताया कि टीपीएस खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि इन लोगों को तुरंत देश से निकाल दिया जाएगा। उनके पास देश में रुकने के और भी तरीके हो सकते हैं।

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